भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में नवाचार भी शुरू हो गए हैं.अब विश्वविद्यालय में आधुनिकता के साथ परंपरागत शिक्षा पद्धति को जोड़ने का प्रयास शुरू होने जा रहा है. रवीन्द्रनाथ टैगोर ने जैसे शिक्षा को वैदिक ऋषि परंपरा से जोड़कर शांति निकेतन का स्वप्न देखा था और उसे अपने जीवन में साकार किया, वैसा ही कुछ प्रयास आने वाले दिनों में प्रदेश में जन संचार की इस एकमात्र पत्रकारिता की यूनिवर्सिटी में देखने को मिलेगा. राजधानी के बिशनखेड़ी में बन रहे नए परिसर में इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. परिसर में जगह-जगह चबूतरों का निर्माण भी किया जा रहा है ताकि यहां आने वाले विद्यार्थी पेड़ के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण कर सकें.
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केजी सुरेश ने जानकारी दी है कि शहर के बिशनखेड़ी में तैयार हो रहे एमसीयू के नए परिसर में उच्च स्तरीय शैक्षणिक सुविधाएं एवं वातावरण उपलब्ध कराने के साथ ही विद्यार्थियों के लिए ओपन क्लास रूम की व्यवस्था भी की जा रही है, जहां विद्यार्थी क्लास रूम की दुनिया से निकलकर मीडिया का अध्ययन करेंगे. यह शिक्षा पद्धति ठीक वैसी ही होगी जैसी हम अपने इतिहास में वैदिक ऋषि परंपरा के बारे में जानते हैं .