भोपाल।मध्य प्रदेश के उच्च तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों के हित में सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा बड़ा निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के तहत स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष सहित स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा दिए उनके गत वर्ष/सेमेस्टर के अंकों/आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा/सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही स्नातक अंतिम वर्ष और स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के परीक्षार्थियों के पहले वर्षों/सेमेस्टर्स में से सर्वाधिक अंक प्राप्त परीक्षा परिणाम को प्राप्त अंक मानकर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे. ऐसे परीक्षार्थी जो परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार चाहते हैं, उनके पास परीक्षा देने का विकल्प भी रहेगा. वह आगामी घोषित तिथि पर ऑफलाइन परीक्षा दे सकेंगे.
मुख्यमंत्री ने यह निर्णय मंत्रालय में कोरोना के तहत विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के संचालन और कक्षाओं को प्रारंभ करने के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान लिया है. इस बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन, स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरूण शमी उपस्थित रहे.
सीएम ने कहा कि प्रदेश में शालाओं को खोलने के संबंध में 31 जुलाई 2020 को समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा. 12वीं कक्षा के ऐसे विद्यार्थी जो किसी कारण वश परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनके लिए एक बार फिर से परीक्षा आयोजित होगी. स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरूण शमी ने बताया कि अगले हफ्ते से बच्चों को किताबों का वितरण कराने की व्यवस्था की जा रही है.
प्रदेश में स्नातक और स्नातकोत्तर के 17 लाख 77 हजार परीक्षार्थी