भोपाल।हाल ही में 15 जून2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में हुई भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. शहीद सैनिकों की मौत के कारण देशभर के लोगों में आक्रोश है. वहीं जिन माता-पिता के बेटे सैनिक बनकर वहां बॉर्डर पर तैनात हैं, उनकी सांसे भी अटकी हुई हैं. भारत-चीन सीमा पर ही मध्य प्रदेश की सैनिकों की नर्सरी कहे जाने वाले गांव नरेला का भी एक बेटा तैनात है. न्यूज पेपर हो या टीवी चैनल लद्दाख की खबर सुनते ही यहां के लोग सहम जाते हैं, लेकिन वीर सैनिक के माता-पिता को डर से ज्यादा अपने बेटे पर गर्व महसूस होता है.
राजधानी भोपाल से करीब 15 किलोमीटर दूर एक गांव है नरेला, जिसे सैनिकों की नर्सरी कहा जाता है. इस गांव के हर एक परिवार से एक बेटा सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है. वहीं इस गांव में नवयुवक हर रोज अपनी आंखों में सेना में जाने का सपना लिए तैयारी में जुटे रहते हैं. वे फिट रहने के लिए दिन-रात एक्सरसाइज करते हैं और सेना भर्ती के लिए अपनी तैयारी में जुटे रहते हैं.
नहीं देखते टीवी
नरेला गांव के सैनिक कपिल वर्मा इन दिनों भारत-चीन के बीच हो रहे युद्ध के चलते लद्दाख में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं उनके परिवार के लिए ये दिन बड़े मुश्किल से गुजर रहे हैं. जब भी उनके परिजन भारत-चीन विवाद की खबरें सुनते हैं तो अपने बेटे की चिंता उन्हें सताने लगती है. यही वजह है कि लद्दाख में पोस्टेड कपिल वर्मा के परिवार वाले टीवी नहीं देखते.
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जवान कपिल की मां बताती है कि उनका बेटा 11 सालों से सेना में सेवाएं दे रहा है और देश के कई कठिन हालातों में वो देश के लिए खड़ा रहा है, लेकिन जब इस तरह के मुद्दे उठते हैं, जंहा पूरे देश का ध्यान आकर्षित होता है तब मन में डर सताने लगता है, लेकिन एक सैनिक की मां होने के नाते मुझे डर कम ओर गर्व ज्यादा महसूस होता है.