भोपाल। भोपाल के वर्ल्ड क्लास हबीबगंज रेलवे स्टेशन (World Class Habibganj Railway Station) का नाम रानी कमलापति रेल्वे स्टेशन (Rani Kamalapati Railway Station) किए जाने के साथ ही इतिहास के पन्नों में दफन हो चुके दो किरदार फिर जीवंत हो उठे हैं. एक हैं भोपाल की अंतिम हिंदू और गोंड शासक रानी कमलापति (Gond Ruler Queen Kamalapati) और भोपाल रियासत के संस्थापक दोस्त मोहम्मद खान (Dost Mohammad Khan).
इतिहास में वर्णित है कि मोहम्मद खान अपनी पत्नी फतेह बीबी (Fateh Bibi) से बेहद प्रेम करते थे. भोपाल को रियासत बनाने के साथ ही उन्होंने फतेह बीबी के नाम से फतेहगढ़ का किला (Fatehgarh Fort) बनाया था. दोस्त मोहम्मद की मृत्यु के बाद उन्हें इसी महल में दफनाया गया. फतेहगढ़ किला का नामोनिशान भले ही न बचा हो, लेकिन दोस्त मोहम्मद खान की मजार आज भी मौजूद है.
कौन था दोस्त मोहम्मद खान?
इतिहास के पन्नों को खंगालें तो पता चलता है कि दोस्त मोहम्मद खान एक पश्तूनी रईस थे, जो मौजूदा पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र माना जाता है. शुरूआत में वह औंरगजेब के शास्त्रागार में रक्षक के रूप में भर्ती हुआ. कुछ ही समय में बाद औरंगजेब का भरोसेमंद बन गया. औरंगजेब की मृत्यु के बाद वह अपने 5000 पठानों के साथ मिलकर भाड़े पर छोटी रियासतों को सुरक्षा देने का काम करने लगा.
इसी दौरान मंगलगढ़ मालवा में एक छोटे राजपूत रियासत राजा आनंद सिंह सोलंकी ने दोस्त मोहम्मद खान को अपनी एक अन्य रियासत की संपत्ति की जिम्मेदारी सौंपी थी. इस दौरान उन्होंने अपनी बेटी कुंवर सरदार बाई की दोस्त मोहम्मद से शादी कर दी. दोस्त मोहम्मद ने अपनी खुद की सामंती संपत्ति बनाने के लिए बैरसिया को 30 हजार अशर्फी सालाना भुगतान पर पट्टे पर लिया था. बाद में उन्होंने इस पर कब्जा कर लिया.
जिस दोस्त मोहम्मद खान के चरित्र पर छिड़ा है विवाद! रानी कमलापति ने उससे ही लगाई थी मदद की गुहार