भोपाल। प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार नए-नए प्रयास कर रही है. मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल शुरु की है. जिसके तहत प्रदेश के हर जिले से एक स्कूल को गोद लिया गया है. इन स्कूलों में डे-केयर शुरू किया जाएगा. जिसमें एक से चार साल तक के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा. इन बच्चों को संस्कृत सिखाई जाएगी. इस डे केयर स्कूल की शुरुआत दिसंबर माह में होगी.
संस्कृत को बढ़ावा
स्कूलों में दम तोड़ चुकी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए अब सरकारी स्कूल के शिक्षक मेहनत करते नजर आएंगे. ऐसा पहली बार होगा जब संस्कृत विषय को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ऐसा प्रयास कर रहा है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों को संस्कृत भाषा सिखाई जाएगी. एक से चार साल तक के बच्चों के लिए प्रदेश भर में संस्कृत स्कूल खोले जाएंगे. यह डे केयर स्कूल होंगे. जिसमें अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़कर अपनी ड्यूटी पर जा सकते हैं और बच्चों की देखभाल शिक्षक करेंगे. जिसमें सुबह 9 से शाम 5 बजे तक स्कूल लगाए जाएंगे. यहां बच्चे संस्कृत बोलना सीखेंगे. अब तक प्ले स्कूल में हम देखते थे कि बच्चे बोलना सीखते थे लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब बच्चे संस्कृत बोलना सीखेंगे.
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अमेरिकन प्ले स्कूल की तर्ज पर होगा संस्कृत प्ले स्कूल
राज्य ओपन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी ने बताया कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए हमने प्रदेश में पहले भी एक स्कूल की शुरुआत की जो कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए संचालित किया जा रहा है. इस स्कूल में 700 छात्राएं अध्ययनरत हैं. वहीं अब बच्चे अपनी पहली भाषा संस्कृत बोले ऐसा प्रयास राज्य ओपन बोर्ड कर रहा है. इन स्कूलों को एएफई स्कूल नाम दिया जायेगा जोकि अमेरिकन एनजि प्ले स्कूल की तर्ज पर शुरू किए जाएंगे. जिसके लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है.