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ओबीसी एकता मंच के अध्यक्ष ने कमलनाथ सरकार पर लगाया धोखा देने का आरोप

ओबीसी को दिए गए 27% आरक्षण पर रोक लगाने के बाद ओबीसी, एससी और एसटी एकता मंच ने कांग्रेस और कमलनाथ सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया है.

The state head of the platform targeted the state government for canceling 27% reservation of OBCs
ओबीसी के 27% आरक्षण को रद्द करने पर मंच के प्रदेशाध्यक्ष का राज्य सरकार पर निशाना

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Published : Jan 29, 2020, 9:49 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कमलनाथ सरकार द्वारा ओबीसी को दिए गए 27% आरक्षण को रद्द कर दिया है. हाइकोर्ट द्वारा आरक्षण पर रोक लगाने के बाद ओबीसी, एससी और एसटी एकता मंच ने कांग्रेस और कमलनाथ सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया है. मंच के प्रदेशाध्यक्ष लोकेंद्र सिंह गुर्जर ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की तरफ से ओबीसी 27% आरक्षण का धोखा दिया गया है.

ओबीसी के 27% आरक्षण को रद्द करने पर मंच के प्रदेशाध्यक्ष का राज्य सरकार पर निशाना


उन्होंने कहा कि कोर्ट में सही पैरवी नहीं करने के कारण कोर्ट ने PSC परीक्षा में ओबीसी आरक्षण को निरस्त कर दिया. प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जो काम 13 साल तक शिवराज सरकार ओबीसी, अनुसूचित जाति को धोखा देती रही वही काम अब राज्य सरकार कर रही है. सामाजिक संगठन की तरफ से उच्चतम न्यायालय में जो अधिवक्ता गए थे न्यायालय ने उनकी बात यह कहते हुए नहीं सुनी की "आप कौन". क्योंकि यह पक्ष मप्र सरकार को रखना था.


लोकेंद्र सिंह गुर्जर के मुताबिक एमपी पीएससी में 530 सीटें पहले थीं, 90 सीटें और बढ़ाई गई. कुल मिलाकर 630 सीटों के लिए एमपी पीएससी भर्ती कर रही थी. हमको 630 सीट में से 27% आरक्षण के आधार पर 170 सीट मिल रही थीं. लेकिन सरकार की लापरवाही की बजह से हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद हमको अब 14% आरक्षण के हिसाब से कुल 88 सीट मिलेंगी, मतलब 82 सीट का ओबीसी नुकसान हुआ.


यदि हाईकोर्ट का यह निर्णय नहीं आता, तो हमारे 82 एसडीएम, डीएसपी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और चुने जाते, लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं होने के कारण ओबीसी वर्ग को इतना बड़ा नुकसान हुआ है. ओबीसी वर्ग के युवा अब शांत नहीं बैठेंगे. दिन प्रतिदिन आंदोलन करेंगे और ओबीसी वर्ग इसका बदला आने वाले नगर निगम एवं पंचायत के चुनाव में लेगा.

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