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प्राकृतिक आपदा से करीब 21 लोगों की मौत, पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से दी जाएगी आर्थिक सहायता

मध्यप्रदेश में मंगलवार को आए तेज आंधी-तूफान के कारण कई इलाकों में भारी नुकसान हुआ है. वहीं आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से प्रदेश में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.

फसलों को नुकसान

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Published : Apr 18, 2019, 8:24 AM IST

भोपाल | मध्यप्रदेश में 2 दिन पहले आए आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली से प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है. मौसम के यू टर्न से मंगलवार को लोगों को गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन मध्य प्रदेश के 16 जिलों में चली तेज आंधी, ओलावृष्टि और गरज-चमक के साथ हुई बारिश से भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है. प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली की चपेट में आकर करीब 21 लोगों की मौत भी हो गई, जबकि 6 से ज्यादा लोग इस घटना में घायल भी हुए हैं. प्राकृतिक आपदा के बाद राज्य सरकार राहत कार्य में जुट गई है.

राज्य सरकार देगी पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता

बता दें कि प्राकृतिक आपदा के बाद राज्य शासन द्वारा आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है, इनमें से 19 मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता का भुगतान करने की प्रक्रिया पूरा कर लिया गया है. छिंदवाड़ा और खरगोन जिले के एक मृतक के परिवार का बैंक खाता नहीं होने के कारण आज आर्थिक सहायता का भुगतान किया जाएगा. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रवि सक्सेना का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ किसानों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं. जिन क्षेत्रों में भी किसानों का नुकसान हुआ है, वहां निश्चित रूप से सरकार नजर बनाए हुए है और जल्द से जल्द सभी क्षेत्रों में राहत पहुंचाई जाएगी.

प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश में मचाई तबाही

फसलों को नुकसान

तेज बारिश की वजह से 8 जिलों में खरीदी केंद्रों पर रखे हजारों क्विंटल अनाज भी पानी में भीग गया है. बताया जा रहा है कि अशोकनगर जिले में भी बारिश से खुले में रखा करीब 5 हजार बोरी गेहूं भीग गया है. कुछ इसी तरह राजगढ़ जिले में भी अनाज को नुकसान पहुंचा है. गुना जिले में भी रुक-रुककर बारिश होने की वजह से उपार्जन केंद्रों पर रखा गेहूं भीग गया. विदिशा में भी हल्की बारिश ने खरीदी केंद्रों पर रखा गेहूं खराब कर दिया है . सीहोर में मौसम बदलने से जनजीवन प्रभावित हुआ है. आंधी के कारण दो दर्जन कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है.

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