भोपाल। सीधी बस हादसे में मृतकों के परिजनों को बीमा की राशि ज्यादा से ज्यादा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार कोर्ट में केस लड़ेगी. विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से वकील उपलब्ध कराने के लिए वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करेंगे. हालांकि मंत्री के जवाब से अंसतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन से बर्हिगमन किया.
सरकार के जवाब से असंतुष्टि कांग्रेस ने किया वाॅकआउट
विधानसभा में सीधी बस हादसे में जान गंवाने वाले 54 यात्रियों के मामले को कांग्रेस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर आई. प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने मुख्यमंत्री और मंत्री के इस्तीफे की मांग की. कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति सहित करीब एक दर्जन विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लिया.
विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा कि इस पूरे मामले में छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर खानापूति की गई, लेकिन 54 लोगों की जान लेने वाले किसी भी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई. कांग्रेस विधायक डाॅ. गोविंद सिंह ने कहा कि हादसे में कई परिवारों का सहारा छिन गया है. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. इसलिए सरकार मृतकों के परिजनों को नौकरी दें. उधर सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस ने सदन से वाॅकआउट किया.
मंत्री बोले- दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
प्रस्ताव पर अपना जवाब पेश करते हुए परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि हादसे की मजिस्ट्रियल जांच हो रही है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस घटना के 54 मृतकों में से 47 के परिजनों को केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से घोषित सहायता दी जा चुकी है. बाकी के वारिस या उत्तराधिकारी अभी तय नहीं हो सके हैं. उधर कांग्रेस के वाॅकआउट पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक सदस्य, जिन्होंने स्थगन प्रस्ताव दिया था, वो सदन में मौजूद नहीं थे. जो इस बात को प्रतिबिंबित करते है कि वो कितने गंभीर थे सीधी घटना को लेकर. इतनी गंभीर घटना को लेकर जो बचे थे, वो पुनरावृति करते रहे. हम उम्मीद करते थे कि कुछ नए तथ्य आयेंगे, तो हमने देखा कि जो विषय ध्यान में लाए गए है, उसी विषय पर पुनरावृति हो रही थी.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उसी दिन मुख्यमंत्री खुद गए. सात लाख रुपये देकर आए. जहां तक उनके सवाल की बात है, उन्होंने आज तक किसी को दी हो तो बता दें. इस तरह के घटनाओं की आज तमाम चीजों पर जीक्र हुआ और आज से 20 साल पहले से लेकर अभी तक जिक्र हुआ. सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध करना एक इन लोगों की आदत हो गई है.