भोपाल।लॉकडाउन की वजह से पूरे प्रदेश में स्कूल- कॉलेज बंद हैं. कोरोना वायरस के इस संकट के बीच कई जिलों के कलेक्टर ने निजी स्कूलों पर सख्ती दिखाते हुए मार्च- अपैल की फीस वसूलने पर रोक लगा दी थी, लेकिन कुछ ही दिनों में इस आदेश को वापस ले लिया गया. कांग्रेस का आरोप है कि, राजनीतिक दबाव की वजह से ऐसा किया गया है, साथ ही ये भी कहना है कि जब स्कूल कॉलेज पूरी तरह से बंद हैं तो फीस लेना न्याय संगत नहीं है. सरकार ने ये फैसला शिक्षा जगत के लोगों के दबाव में लिया है जो अनुचित है.
'कलेक्टर ने निजी स्कूलों की फीस वसूली पर लगाई रोक, राजनीतिक दबाव में वापस लिया फैसला'
छिंदवाड़ा समेत कई जिलों के कलेक्टर ने निजी स्कूलों पर सख्ती दिखाते हुए मार्च- अप्रैल की फीस नहीं लेने का आदेश जारी किया था, लेकिन कुछ ही दिनों में ये आदेश वापस ले लिया गया.
इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, मध्यप्रदेश में जहां पिछले 1 महीने से सभी तरह के व्यवसाय, स्कूल-कॉलेज, उद्योग धंधे सब बंद पड़े हैं. उसके बाद भी स्कूल कॉलेज द्वारा फीस लेना न्याय संगत नहीं दिखाई देता है. कलेक्टर द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किए गए, लेकिन शिक्षा जगत के लोगों के दबाव में आदेश रद्द कर दिए गया.
अजय यादव ने मांग की है कि, इस संदर्भ में सरकार को स्पष्ट निर्देश जारी करना चाहिए. उनका कहना है कि इस समय लॉकडाउन की वजह से समाज के तमाम वर्ग एक-एक पैसे के लिए मोहताज हैं. ऐसे समय में बंद स्कूलों की फीस लिया जाना गलत है. इस मामले में सरकार को निर्णय लेना चाहिए. जिससे पूरे मध्यप्रदेश में मार्च-अप्रैल माह का सभी स्कूलों की फीस माफ की जाए.