भोपाल। हमीदिया अस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को दी गई पीपीई किट के कारण डेढ़ दर्जन से अधिक कर्मचारी डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए. कर्मचारियों को जो पीपीई किट उपलब्ध कराई गई वह काफी मोटी थी, कर्मचारियों ने उसको पहन कर जब काम करना शुरू किया तो डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए. आनन-फानन में कर्मचारियों का इलाज किया गया और तत्काल अन्य कर्मचारियों को दूसरी पीपीई किट उपलब्ध कराई गई. कांग्रेस ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
पीपीई किट पहनने के बाद कर्मचारी बीमार इस मामले में कांग्रेस ने बयान जारी करते हुए कहा है कि इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार को जिम्मेदार लोगों पर तत्काल कार्रवाई करना चाहिए. साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण काल में अपनी सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के लिए दी जाने वाली बचाव सामग्री की गुणवत्तापूर्ण सुनिश्चित करनी चाहिए.
भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल में सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब कोविड-19 ब्लॉक में कार्यरत करीब 15 नर्सिंग और आउटसोर्सिंग कर्मचारी डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए. दरअसल, इन कर्मचारियों को कोविड-19 ब्लॉक में काम करने के लिए जो पीपीई किट उपलब्ध कराई गई थी, वह काफी मोटी थी और इसी वजह से काम करते हुए करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारी डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए. मामले की सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी गई और कर्मचारियों का इलाज शुरू किया गया.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान जोखिम में डालकर जो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनको नकली पीपीई किट दी जा रही है. ऐसा मामला हमीदिया अस्पताल में सामने आया है. उन्होंने कहा कि पीपीई किट के स्थान पर प्लास्टिक की काफी मोटी किट उपलब्ध करा दी गई, जिससे उन कर्मचारियों के शरीर में बहुत तेजी से गर्मी बढ़ी और वे डिहाइड्रेशन के शिकार होकर बेहोश हो गए. यादव ने कहा इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार को जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करना चाहिए, साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो भी कर्मचारी कोविड-19 में ड्यूटी पर लगाए गए हैं, उन्हें उच्च गुणवत्ता की पीपीई मिल रही है या नहीं.