तुमकुरु। पैसे की कमी के कारण पढ़ाई न कर पाने की वजह से आत्महत्या का प्रयास करने वाली एक किसान की बेटी ने 10वीं क्लास के सप्लीमेंट्री एग्जाम में टॉप किया है. स्कूल ने परीक्षा के लिए हॉल टिकट देने से इनकार किया तो कर्नाटक के तुमकुरु जिले के कोराटागेरे शहर की रहने वाली एक 16 वर्षीय लड़की ने हताश होकर खुद को खत्म करने का सोच लिया था, उसने आत्महत्या की कोशिश भी की थी. लेकिन इस घटना से उबरने के बाद 16 वर्षीय छात्रा ने SSLC (10वीं कक्षा) की पूरक परीक्षा में टॉप किया है. ग्रीष्मा नायक अब किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने की कोशिश में है. ग्रीष्मा ने कहा कि साल की शुरुआत से ही बोर्ड की तैयारी शुरू कर दी थी. ग्रीष्मा ने बताया, ‘कोविड -19 संकट के कारण हम स्कूल की फीस का भुगतान करने की स्थिति में नहीं थे, इसलिए मैं स्कूल की क्लास में न बैठ सकी, लेकिन मेरी बड़ी बहन ने मुख्य विषयों को पढ़ने में मेरी मदद की, लेकिन यह जानकर मैं टूट गई कि स्कूल ने मेरा नाम परीक्षा के लिए रजिस्टर नहीं किया है.’
ग्रीष्मा कीडॉक्टर बनने की है ख्वाहिश
ग्रीष्मा इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल की छात्रा थी, परिवार द्वारा फीस का भुगतान ना कर पाने के बाद ग्रीष्मा को कथित तौर पर कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई. बाद में उसका नाम दसवीं कक्षा के बोर्ड के लिए भी रजिस्टर नहीं किया गया और स्कूल ने उसे हॉल टिकट देने से इनकार कर दिया. अब ग्रीष्मा के माता-पिता उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी बेटी डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करेगी. उसके माता-पिता ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने रजिस्ट्रेशन के लिए दो वर्षों (कक्षा IX और X) के लिए फीस का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया था और ये तब था जब ग्रीष्मा ने 9वीं में 96 प्रतिशत स्कोर किया था.