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आरक्षण के खिलाफ सपाक्स का प्रदर्शन, केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश

सुप्रीम कोर्ट का पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ फैसला आने के बाद सभी राजनीतिक दलों के तथाकथित दलित नेता लामबंद होकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

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आरक्षण के खिलाफ सपाक्स ने किया विरोध प्रदर्शन

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Published : Feb 15, 2020, 8:05 PM IST

Updated : Feb 15, 2020, 8:14 PM IST

भोपाल। राजधानी में आज जातिगत आरक्षण, पदोन्नति में आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ सपाक्स पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध कर रहे पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि उत्तराखंड में जब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, तब सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसमें अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई किए जाने पर पदोन्नति में आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है.

आरक्षण के खिलाफ सपाक्स ने किया विरोध प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आरक्षण किसी का भी मौलिक अधिकार नहीं है, ये सिर्फ एक व्यवस्था बनाई गई थी. जिसे अब समाप्त किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का जबसे पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ फैसला आया है, तब से देश के मुख्य सत्ता दल और विपक्षी दल इसके खिलाफ हैं. इन सभी राजनीतिक दलों के तथाकथित दलित नेता लामबंद होकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाकर इसे संसद में बदल दिया जाए. इस पूरे आंदोलन की अगुवाई कांग्रेस पार्टी कर रही है, उसके नेता राहुल गांधी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधिवत आरक्षण बचाओ के नाम कार्यक्रम घोषित किए हैं.

सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विपिन तिवारी का कहना है कि अगर एट्रोसिटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले की तरह इसे भी संसद में बदला गया तो सपाक्स पार्टी प्रदेश सहित पूरे देश में जन आंदोलन चलाकर, अनिश्चितकालीन भारत बंद करने का आह्वान करेगी. अगर जरूरत पड़ी तो उग्र प्रदर्शन भी किया जाएगा.

Last Updated : Feb 15, 2020, 8:14 PM IST

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