भोपाल। मुरैना जहरीली शराब कांड में अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. इस मामले में सरकार ने जांच के लिए SIT टीम गठित की थी. जिसके बाद अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के नेतृत्व में तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने 2 दिन तक मौके पर जाकर पूरे मामले की तफ्तीश की थी. रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चर्चा के लिए डीजीपी को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया है. जहरीली शराब से जिले में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 4 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. वहीं 9 लोग ग्वालियर और 10 लोग मुरैना जिला अस्पताल में भर्ती हैं. बता दें छैरा और मानपुर में 24 लोगों की मौत हुई थी. वहीं आज शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को मुरैना जिले के दिमनी थाना क्षेत्र के छिछावली गांव में जहरीली शराब ने एक और मौत हो गई है.
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SIT ने सौंपी रिपोर्ट
SIT टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि लोकल लेवल पर कैसे शराब का गैर कानूनी व्यापार हो रहा है. देसी शराब के बनने से लेकर उसके परिवहन तक जांच रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है. जांच टीम के मुखिया और अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने कहा कि वे सरकार से आबकारी नीति में बदलाव के लिए कुछ प्रस्ताव भी देंगे. ताकि नकली शराब बनाने वालों पर नकेल कसी जा सके. नई आबकारी नीति में नकली शराब बनाने और उसे बेचने वालों पर और कठोर कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है.
पड़ोसी राज्यों से भी हो रही शराब तस्करी
रिपोर्ट में आबकारी और पुलिस विभाग की बड़े स्तर पर लापरवाही की बात सामने आई है. चंबल किनारे के गांवों में राजस्थान और उत्तरप्रदेश से तस्करी कर शराब लाए जाने का पता चला है. इस मामले में पहले भी कई सूचनाएं भी प्राप्त हुई थी. जिसके बाद भी नकली शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई गई, क्योंकि पूर्व में उज्जैन की घटना सामने आने के बाद भी पुलिस द्वारा सक्रियता नहीं दिखाई गई.
ओवर प्रूफ अल्कोहल की कैसे हुई आपूर्ति
जांच रिपोर्ट में ओवर प्रूफ अल्कोहल की आपूर्ति को लेकर आबकारी विभाग की भूमिका संदेहास्पद पाई गई है. डिस्टलरी और वाॅटलिंग प्लाॅट में आबकारी विभाग के अधिकारी तैनात होते है. इसके बाद भी गांवों में ओवर प्रूफ अल्कोहल की आपूर्ति हुई. इससे बड़े स्तर पर गड़बड़ी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. जांच के दौरान पता चला है कि पूरे जिले में अवैध शराब का काम जमकर चल रहा है. हालांकि कुछ चिन्हित लोग ही बड़े स्तर पर अवैध शराब का काम कर रहे हैं.
शराब महंगी होने से नकली शराब की डिमांड
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि नकली और अवैध शराब इसलिए भी बढ़ी, क्योंकि शराब की कीमतें बढ़ गई. अवैध शराब अपेक्षाकृत सस्ती होने से इसकी डिमांग बढ़ी. काले कारोबार से जुड़े लोगों को पुलिस और आबकारी विभाग की निस्क्रियता और कई स्तर पर गड़बड़ी से बढ़ावा मिला. रिपोर्ट में आबकारी नीति में छोटे समूहों को ठेके देने का सुझाव भी दिया गया है. पिछली कमलनाथ सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव करते हुए एक जिले में एक या दो ठेके देने की नीति बनाई थी. साथ ही बढ़ी हुई दरों पर ठेके दिए गए थे.
CM ने SP-कलेक्टर को हटाया
जहरीली शराब कांड में एक्शन लेते हुए मुख्यमंत्री ने पहले आबकारी अधिकारी को हटाया. फिर कलेक्टर और SP को भी हटा दिया गया. वहीं थानेदार को तत्काल निलंबित कर दिया गया था.