भोपाल। महापौर आलोक शर्मा और उनकी परिषद का आज कार्यकाल खत्म हो रहा है. कार्यकाल खत्म होने से पहले महापौर आलोक शर्मा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए पिछले 5 साल के उनके खट्टे-मीठे अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि पांच साल की यात्रा कैसी रही, इसका मूल्याकंन जनता करेगी, क्योंकि जनता ने ही उन्हें आशीर्वाद देकर महापौर बनाया था.
आलोक शर्मा ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत पानी मिला, लेकिन स्मार्ट सिटी अधूरा
महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि अधिकारियों ने स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर जो नियम बनाए थे, उसका पालन नहीं किया. स्मार्ट सिटी अधिकारियों के भरोसे चल रही है. स्मार्ट सिटी की गाइडलाइन में था कि एक एडवाइजरी का गठन करें, जिसमें सांसद, विधायक, महापौर और व्यापारी संगठन के प्रमुख रहें, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया. आलोक शर्मा ने कहा कि अधिकारियों ने मनमर्जी के तहत काम किया, इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
सबसे बड़ी उपलब्धि
महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि खुद के कार्यकाल में उन्होंने भोपाल के लिए कई काम किए. बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए रोड का चौड़ीकरण किया गया. इसके साथ ही कमलापति आर्च ब्रिज बनाने का काम शुरू किया, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इसमें अड़ंगा लगा दिया. कांग्रेस के पार्षद कहते हैं कि यह वक्फ की जमीन है. भोपाल के अधिकारियों को तय करना होगा कि वक्फ की जमीन आखिर कहां-कहां है. हर जगह वक्फ की जमीन नहीं हो सकती, सरकार को जल्द आर्च ब्रिज की सौगात देनी चाहिए.
कांग्रेस सरकार का कार्यकाल
पिछले एक साल के कामकाज को लेकर महापौर आलोक शर्मा काफी नाराज नजर आए. महापौर का कहना था कि कांग्रेस की सरकार दुर्भाग्यपूर्ण बनी. इसके कारण भोपाल की चौपाल के जरिए जो वह जनता की समस्या का निराकरण करते थे, वह बंद हो गया, क्योंकि इसमें अधिकारियों ने आना बंद कर दिया. इसका उन्हें हमेशा मलाल रहेगा.
भविष्य की भूमिका
भविष्य में खुद की भूमिका पर आलोक शर्मा ने कहा कि बीजेपी में पार्टी संगठन तय करता है कि अगली भूमिका क्या होगी, वह खुद इस पर विचार नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि वे संगठन के जरिए समाज की सेवा करेंगे. इस दिशा में आने वाले समय में भी काम करते रहेंगे.