भोपाल।रविवार को मध्यप्रदेश बीजेपी की नई कार्यकारणी ने पदभार ग्रहण कर लिया. इसमें कुल 35 लोगों को वीडी शर्मा की टीम में शामिल किया गया. कार्यक्रम का आयोजन बीजेपी प्रदेश कार्यालय भोपाल में किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हंसी करते हुए, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का आभार जताया. उन्होंने कहा ' जिन्हें मैं मंत्री नहीं बना पाया उन्हें अपने मंत्री, महा मंत्री बना दिया'.
ये रह गए थे मंत्री मंडल से
शिवराज सिंह सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में चौहान के कई भरोसेमंद और सीनियर नेताओं को जगह नहीं मिली थी. इनमें राम पाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, पारस जैन, गौरीशंकर बिसेन, जालम सिंह पटेल (केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के भाई) और संजय पाठक (राज्य के सबसे अमीर विधायक) जैसे नाम शामिल थे.
शिवराज ने कहा था 'विष तो शिव पी जाते हैं'
कार्यकारणी के पदभार ग्रहण के मौके पर मुख्य मंत्री के इस संबोधन के बाद राजनीतिक गलियारों में उनके पुराने बयानों की खूब चर्चा होने लगा, जब प्रदेश में कांग्रेस की बेदखली के बाद बीजेपी सरकार का पहले मंत्री मंडल विस्तार होना था. उन्हीं दिनों 1 जुलाई को एक पत्रकार ने पूछा कि अमृत किसको मिलेगा विष किसको मिलेगा. इसपर सीएम शिवराज ने कहा कि मंथन से अमृत की निकलता है, विष तो शिव पी जाते हैं.
सिंधिया और नरोत्तम को खुश करना था टेढ़ी खीर
सिंधिया और नरोत्तम को खुश करने के फेर में शिवराज सिंह चौहान अपनी पसंद के नेता को भी मंत्री पद नहीं दे पा रहे थे. शायद इसी बात को जाहिर करने के लिए सीएम शिवराज ने पत्रकार से कहा था कि समुद्र मंथन से निकला विष तो खुद शिव पीते हैं और अमृत लोगों में बंटता है.
ट्वीट में भी झलग गया था दर्द
सीएम शिवराज ने ट्वीट में कहा था, 'आये थे आप हमदर्द बनकर, रह गये केवल राहज़न बनकर. पल-पल राहज़नी की इस कदर आपने, कि आपकी यादें रह गईं दिलों में जख्म बनकर' राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह ट्वीट शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए किया था.