भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते अन्य राज्यों से अपना काम छोड़कर वापस लौटे कई श्रमिक अब प्रदेश में रोजगार की तलाश कर रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए मनरेगा और रोजगार सेतु जैसी योजनाओं के माध्यम से सभी प्रवासी श्रमिकों को काम उपलब्ध कराया जा रहा है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के 7 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों और 19 हजार से अधिक नियोक्ताओं को संबोधित किया है. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरFए कुछ जिलों में प्रवासी श्रमिकों और नियोक्ताओं से बातचीत भी की है. इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, एसीएस मनोज श्रीवास्तव, एसीएस डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला उपस्थित रहे.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड संकट काल में लौटे हर प्रवासी श्रमिक को प्रदेश की धरती पर ही उनकी योग्यता अनुसार रोजगार मिलेगा. मुख्यमंत्री सहित पूरी टीम आपके साथ है. रोजगार सेतु के माध्यम से जहां प्रवासी श्रमिकों को उनकी दक्षता अनुसार रोजगार प्राप्त हो रहा है, वहीं नियोक्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार कामगार मिल रहे हैं. नियोक्ता अधिक से अधिक प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दें. सरकार उनके कार्य में सहयोग करेगी.
सीएम ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को रोजगार दिया जा रहा है. अभी तक 3 लाख 37 हजार 857 प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं. एक लाख 62 हजार 840 को रोजगार दिया गया है. एसीएस मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत अभी तक 45 लाख 96 हजार मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 6 हजार 004 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार सेतु के माध्यम से रोजगार दिया गया है. यह प्रक्रिया निरंतर जारी है. मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि 'रोजगार सेतु' कौशल अनुसार रोजगार दिलाने का 'ऑटोमेटिक मोड' बन गया है.
रोजगार सेतु में 19 हजार 641 नियोक्ताओं ने पंजीयन कराया है. मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान नियोक्ताओं ने बताया कि रोजगार सेतु के माध्यम से उन्हें जरूरत के अनुसार कामगार आसानी से मिल रहे हैं. 'लेबर प्रोब्लम' अब दूर हो गई है.
सीएम ने कहा कि सभी प्रवासी श्रमिकों को संबल योजना में जोड़ा गया है. अब उन्हें बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, दुर्घटना सहायता, मृत्यु पर सहायता, अंत्येष्टि सहायता, बेटी की शादी, प्रसूति सहायता, बिजली बिलों मे छूट सहित सभी सुविधाएं मिलेंगी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के बच्चों के शालाओं में नामांकन के लिए प्रक्रिया अपनाते हुए प्रवासी श्रमिकों के साथ वापस लौटे 5 से 18 वर्ष के 2 लाख 6 हजार 425 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है. इनमें से 75 हजार 385 बच्चों को शालाओं में प्रवेश देने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. शेष बचे बच्चों को 'स्कूल चले अभियान' के तहत स्कूल चालू होने पर नि:शुल्क प्रवेश सुनिश्चित कराया जायेगा.
सीएम ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए 116 जिलों में महत्वपूर्ण 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' चालू किया गया है, जिसमें प्रदेश के 24 जिले शामिल किए गए हैं. गरीब कल्याण रोजगार अभियान में मनरेगा में 100 के स्थान पर 125 दिवस कार्य उपलब्ध कराने के साथ ही प्रवासी श्रमिकों की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, सिंचाई व्यवस्था जैसे विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त राशि प्रदाय की जायेगी. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जिलों के प्रवासी श्रमिकों से बातचीत की, जिन्हें रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से काम मिला है.