भोपाल।पूर्व सीएम कमलनाथ के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर दिए गए धमकी भरे बयान के बाद सूबे की सियासत गर्म है. हालांकि कमलनाथ हों या शिवराज सिंह अपनी-अपनी सरकार में दोनों ही कर्मचारियों के लिए धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं. जब बीजेपी सत्ता से बाहर थी तब शिवराज सिंह चौहान भी कर्मचारियों को ऐसी ही हिदायत देते थे जैसी कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद कमलनाथ दे रहे हैं.कमलनाथ के ताजा बयान के बाद शासकीय कर्मचारी और अधिकारी एक बार फिर सत्ता के केंद्र में हैं. इन्हें लेकर एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप भी खूब हो रहे हैं.
कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री जो सत्ता से बाहर, वही अधिकारियों पर आक्रामक
प्रदेश की सत्ता के केंद्र में आए सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष का रवैया लगभग एक जैसा ही रहा है. बीजेपी हो या फिर कांग्रेस,जो भी सत्ता से बाहर रहा है शासकीय अधिकारी उसके निशाने पर होते हैं. कांग्रेस की अगस्त यात्रा में गुरूवार को पूर्व सीएम कमलनाथ के सरकारी अधिकारियों जेब में बीजेपी का बिल्ला लेकर घूमने वाले बयान के बाद बीजेपी ने कमलनाथ और कांग्रेस पर अलोकतांत्रिक होने का आरोप लगाया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोनिया गांधी और कमलनाथ दोनों पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस पहले अपना घर संभाले, अधिकारियों औऱ कर्मचारियों को धमकी न दे.बीजेपी ने कमलनाथ को शासकीय अधिकारियों का सम्मान करने की नसीहत भी दी हैं.
सरकारी कर्मचारियों को धमकी- कमलनाथ के बयान पर शिवराज का पलटवार कांग्रेस ने किए एक के बाद एक कई ट्वीट, याद दिलाया सम्मान
कमलनाथ के बयान पर सीएम शिवराज सिंह के पलटवार के बाद कांग्रेस भी बीजेपी के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गई है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए बीजेपी नेता सरकारी अधिकारियों का कितना सम्मान करते हैं इसे लेकर कई फोटो और बयान पोस्ट किए हैं. जिसमें शिवराज सिंह का कलेक्टर को पिट्ठू कहना और कैलाश विजयवर्गीय की अधिकारियों के साथ बदतमीजी करने से जुड़े फोटो शेयर किए हैं. सलूजा ने बयान भी दिया है कि बीजेपी के नेता कमलनाथ जो को ये न सिखाएं कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों का सम्मान कैसे किया जाता है, वे पहले अपने गिरेबान में झांके.
कर्मचारियों को कब, किसने, क्या कहा
- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकारी अफसरों को चेतावनी दी कहा कि बीजेपी का बिल्ला जेब में रखकर काम मत करो. 2 साल बाद सरकार बदल जाएगी. यदि रिटायर हो जाओगे तो भी फाइल खुल सकती है- अगस्त क्रांति यात्रा
- कमलनाथ ने पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि पुलिस को वर्दी की इज्जत रखनी चाहिए-भोपाल में संस्कृति बचाओ यात्रा के समापन पर बोले
- शिवराज बोले रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया,कमलनाथ जी आजकल कर्मचारियों को धमका रहे हैंं
गौरतलब है कि मामला सरकारी कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस पहले भी कर्मचारियों की नाराजगी झेल चुकी है. दिग्विजय भी कर्मचारियों से सार्वजनिक माफी भी मांग चुके हैं. यही वजह है कि अब कांग्रेस कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती. इसी कोशिश में वो यह दिखाना चाह रही है कि वो कर्मचारियों का सम्मान करती है. कमलनाथ के बयान पर भी सफाई देते हुए सलूजा ने यही कहा है कि उनकी चेतावनी ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए थी जो बीजेपी की चापलूसी करते हैं और संघ के शाखाओं में नजर आते हैं. कांग्रेस का कहना है कि कमलनाथ जी ने तो प्रदेश की बीजेपी सरकार को आइना दिखाया है. जबकि सच्चाई यह है कि मध्यप्रदेश में बीजेपी हो या कांग्रेस जो भी सत्ता में रहता है वह खुद को कर्मचारियों का सबसे बड़ा हितैषी दिखाता है, लेकिन सत्ता से बाहर होने पर दोनों ही पार्टियां शासकीय कर्मचारियों धमकाने से भी गुरेज नहीं करतीं.