भोपाल। राजधानी के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रोजगार सहायकों की पंचायत में ढेर सारे ऐलान किए. सबसे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गांवों को साधने के लिए रोजगार सहायकों के लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया है. प्रदेश सरकार अब रोजगार सहायकों का मानदेय 9 हजार से बढ़ा कर 18 हजार रुपये कर रही है. अब से रोजगार सहायकों वेतन दोगुना दिया जाएगा. वहीं, सीएम शिवराज सिंह ने रोजगार सहायकों के सम्मेलन में कहा कि अब रोजगार सहायकों की सेवा समाप्ति नहीं की जा सकेगी. विभागीय जांच व अन्य जांच आदि के पश्चात प्रक्रिया अपनाने के बाद कार्रवाई होगी. साथ ही पंचायत सचिव की नियुक्ति में 50 प्रतिशत का आरक्षण रोजगार सहायकों को प्राप्त होगा.
पंचायत सचिवों के समान ही किया जाएगा व्यवहारः सीएम ने कहा कि भविष्य में रोजगार सहायकों के स्थानांतरण और नियुक्ति से संबंधित कार्यों में पंचायत सचिवों के समान ही व्यवहार किया जाएगा. इसके लिए आवश्यक नियम बनाए जाएंगे. सामान्य अवकाश सहित प्रसूति अवकाश आदि की सुविधा भी मिलेगी. मातृत्व अवकाश के साथ ही पितृत्व अवकाश भी प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रोजगार सहायक मेरा क्रिएशन है. रामकाज व सेतु निर्माण के लिए भगवान श्रीराम की बानर सेना में नल-नील की अहम भूमिका रही थी. नल-नील की तरह ही मेरे रोजगार सहायकों ने मनरेगा को व्यवस्थित कर संचालित करने का कार्य किया है. सूचना क्रांति के युग में शासन की किसी भी योजना का क्रियान्वयन बिना कंप्यूटर और लैपटॉप के संभव नहीं है. आपने फिजिकल का डिजिटल से मेल कराने का कार्य भी किया है.
कोरोना काल में रोजगार सहायकों ने खूब किया कामः मुख्यमंत्री चौहान ने मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में रोजगार सहायकों के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में रोजगार सहायकों की विशेष भूमिका है. कोरोना काल में भी आम जनता और अन्य प्रदेशों के श्रमिकों को राहत देने में रोजगार सहायकों ने महत्वपूर्ण कार्य किया. एक समय मनरेगा से संबंधित कार्य के लिए दायित्व निभाने वाले रोजगार सहायकों ने मनरेगा के क्रियान्वयन को व्यवस्थित करने के बाद राशन कार्ड बनवाने, संबल योजना, आयुष्मान कार्ड बनवाने, राष्ट्रीय परिवार सहायता कार्यक्रम और लाड़ली बहना योजना से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक किया है.