भोपाल। चुनाव की तारीखों के ऐलान के ऐन पहले इतना भावुक क्यों हो रहे हैं शिवराज. इसमें दो राय नहीं कि शिवराज सिंह चौहान की छवि ऐसे जमीनी नेता की है जो जनता से कनेक्ट जानते हैं. रिश्तों की राजनीति के बाजीगर शिवराज के भाषण में संबोधन से लेकर संवाद तक आत्मीय होते हैं. लेकिन अठारह साल की सत्ता में शिवराज को ऐसे भावुक होते पहले कब देखा गया...तीन दिन के भीतर बुरहानपुर में चौथी बार भावुक हुए शिवराज. इस बार पहले बहनों से पूछा "बताओ कैसी सरकार चला रहा है तुम्हारा भैय्या" और फिर कहा कि "दुनिया से जाने से पहले इतना कर जाऊंगा कि फिर मां बहनों के खिलाफ अत्याचार की हिम्मत नहीं होगी ऐसी व्यवस्था बनाऊंगा." कांग्रेस शिवराज के इस इमोशनल दांव पर तंज कर रही है और कह रही है कि दिल्ली से खबर मिल चुकी है कि टिकट भी नहीं दे रही पार्टी इसलिए मामा इमोशनल हो रहे हैं.
मामा का इमोशनल ट्रैक....तीन दिन में चार बयान:सीएम शिवराज की यूएसपी है उनका जज्बाती भाषण. लेकिन 2020 में दुष्टों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर शिवराज सिंह चौहान को ऐसे बात-बात पर भावुक होते नहीं देखा था. सीहोर में पहली बार उन्होंने बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि "जब चला जाऊंगा तो बहुत याद आऊंगा, बताओ तुम्हे ऐसा भैय्या कहां मिलेगा." फिर बुधनी में जनता से पूछा "बताओ चुनाव लड़ूं या ना लड़ूं". बुरहानपुर पहुंचे तो बहनों से पूछा "बताओ तुम्हारा भैय्या कैसी सरकार चलाता है". और फिर भावुक होकर कहा कि "दुनिया से जाने से पहले इतना कर जाऊंगा कि मां बहनों के खिलाफ अत्याचार की किसी की हिम्मत ना हो." बहनों को गले लगाते भावुक होते शिवराज की तस्वीरें इस इमोशनल ट्रैक में एक्सट्रा इनपुट की तरह आती हैं.