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100 खदानों की नीलामी से मिलेंगे 2200 करोड़, भरेगा शिवराज सरकार का खजाना!

मध्यप्रदेश सरकार की झोली लौह खदानों सहित अन्य खदान पट्टों से भरेगी. शिवराज सरकार ने लौह खदानों की नीलामी के लिए केन्द्रीय मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है. राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रदेश सरकार की झोली में करीब 22 सौ करोड़ रुपए का राजस्व आएगा.

Shivraj government treasury will be filled with minerals
खनिजों से भरेगी शिवराज सरकार का खजाना

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Published : Oct 24, 2021, 4:44 PM IST

भोपाल। कोरोना के बाद से आर्थिक परेशानी से जूझ रही मध्यप्रदेश सरकार की झोली लौह खदानों सहित अन्य खदान पट्टों से भरेगी. प्रदेश सरकार ने लौह खदानों की नीलामी के लिए केन्द्रीय मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है. राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रदेश सरकार की झोली में करीब 22 सौ करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा. वहीं खनिज विभाग प्रदेश की 14 रेत खदान साहित 400 से ज्यादा खनिज खदानों की भी नीलामी करने जा रहा है. मार्च 2022 तक सौ खदानें नीलाम करने का लक्ष्य रखा गया है.

केन्द्र सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

दरअसल साल 2019 में खान मंत्रालय द्वारा कराए गए सर्वे में प्रदेश में 28.56 मिलियन टन लौह अयस्क के खनिज भंडार मिलने की संभावना जताई गई है. इसके अलावा बैतूल जिले के भुआदी क्षेत्र में 2.74 मिलियन टन के जिंक लेगर, बैतूल जिले के ही टीकारी गोड़ाना एवं चिकलार में 4.6 मिलियन टन के ग्रेफाइड खनिज भंडार और सिंगरौली जिले के गुडपहाड़ क्षेत्र में 7.20 मिलियन टन की स्वर्णधारित चट्टान जिसमें से औसतन 13 टन प्रति टन सोना भी मिल सकता है. इसी आधार पर राज्य सरकार ने लौह की खदानों के ब्लाॅक की नीलामी के लिए केन्द्र को प्रस्ताव भेजा है. प्रदेश में जबलपुर, कटनी, सागर, छतरपुर, सीधी, खरगौर, मंदसौर और ग्वालियर जिले में लौट अयस्क होने की उम्मीद है. राज्य सरकार की मंशा है कि केन्द्र सरकार के खान विभाग का सेंटर मध्यप्रदेश भी बने. यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश सरकार की झोली में करीबन 22 सौ करोड़ रुपए आएंगे.

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मार्च 2022 तक नीलाम होंगी 100 खदानें

वहीं राज्य सरकार प्रदेश में 14 रेत खदान, 11 मुख्य खनिज के अलावा करीब 400 से ज्यादा खदान पट्टों की भी नीलामी करने जा रही है. इसके लिए खनिज संसाधन विभाग ने नीलामी की तैयारियां पूरी कर ली है. विभाग ने अगले साल मार्च माह तक करीबन 100 खदानें नीलाम करने का लक्ष्य रखा है. अगले माह तक इसमें सें करीब 60 खदानें नीलाम हो जाएंगी. इनमें बड़ी संख्या में रेत की खदानें हैं.


11 जिलों की रेत खदानें होंगी नीलाम

खनिज विभाग 11 जिलों की रेत खदानों की नीलामी जल्द-से-जल्द पूरा करने की कोशिश में जुटी है. दरअसल समय पर रॉयल्टी की किस्त जमा न करने की वजह से विभाग ने रेत खदानों के ठेकों को निरस्त कर दिया था. वहीं कुछ ठेकेदारों ने लाभ न होता देख खुद ही खदानें विभाग को लौटा दी थी. इसमें पन्ना, शाजापुर, छतरपुर, धार, भिंड, रायसेन, अलीराजपुर, मंदसौर, रीवा, शिवपुरी, रतलाम की खदानें शामिल हैं. इसी तरह आगर-मालवा और उज्जैन जिले की खदानें तीन बाद टेंडर निकाले जाने के बाद भी नीलाम नहीं हो सकी हैं. इनकी नीलामी के लिए एक बार फिर प्रयास किए जा रहे हैं.

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राॅक फॉस्फेट, बॉक्साइट खदानें भी नीलाम होंगी
वहीं चूना पत्थर, बॉक्साइट, बेसमेटल, राॅक फॉस्फेट की नीलामी की भी तैयारी की जा रही है. इनके लिए खनिज विभाग ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. इससे सरकार की झोली में करीब 200 करोड़ रुपए आएंगे. वहीं छतरपुर जिल में रॉक फॉस्फेट का एक लाख टन का भंडार मिला है. राॅक फॉस्फेट का उपयोग खाद बनाने में होता है. चूना पत्थर की तीन खदानें दमोह में और एक कटनी में है. वहीं रीवा, बालाघाट और डिंडोरी में बाक्साइट की खदानें, छतरपुर में रॉक फॉस्फेट और जबलपुर और छतरपुर में लौह अयस्क और छिंदवाड़ा में बेसमेटल की खदानें हैं.

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