भोपाल। हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम अंतिम गोंड शासक रानी कमलापति के नाम पर किए जाने के बाद अब पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम भी बदला जा रहा है. राज्य सरकार ने इस स्टेशन का नाम आदिवासियों के रॉबिनहुड मामा टांट्या भील के नाम पर रखने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिया है. राज्य सरकार 4 दिसंबर को अमर क्रांतिकारी टांट्या मामा की पुण्यतिथि के मौके पर पातालपानी में भव्य कार्यक्रम करने जा रही है. वहीं कैबिनेट बैठक में इंदौर-भोपाल में कमिश्नर सिस्टम लागू किए जाने के सरकार के फैसले का मंत्रियों ने स्वागत किया है. बताया जा रहा है कि जल्द ही इस सिस्टम का मंत्रियों के सामने प्रजेंटेशन किया जाएगा, सरकार इसे अध्यादेश के जरिए लागू कराने की तैयारी कर रही है.
4 दिसंबर को आदिवासियों के रॉबिनहुड टंट्या भील की समाधि पर जाएंगे सीएम शिवराज
टांट्या मामा की निकलेगी कलश यात्रा
कैबिनेट की बैठक के पहले मंत्रिमंडल के सदस्यों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि महान क्रांतिकारी टांट्या मामा की पुण्यतिथि पर 4 दिसंबर को दो कलश यात्रा निकाली जाएगी. एक कलश यात्रा बडौदा अहीर और दूसरी सैलाना से शुरू होगी. यह यात्रा उज्जैन, खंडवा, झाबुआ, रतलाम, बुरहानपुर, अलीराजपुर से होते हुए निकलेगी. इस यात्रा का संचालन संस्कृति विभाग करेगा. मुख्यमंत्री ने इंदौर और उज्जैन कमिश्नर को इस संबंध में लगातार काॅर्डिनेशन में रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सभी प्रभारी मंत्रियों को भी इस संबंध में पूरी व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
सभी मंत्री 25 दिसंबर से पहले करें समीक्षा
मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में चल रहे विकास कार्यों की 25 दिसंबर के पहले एक बार समीक्षा जरूर कर लें, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary) पर 25 दिसंबर से 26 जनवरी तक प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जाएगा, (अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है) जिसमें प्रदेश में जन सामान्य के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लोगों को आसानी से मिल सके, यह सुनिश्चित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को इसकी निगरानी करने के निर्देश दिए हैं.
4 दिसंबर को पातालपानी जाएंगे सीएम
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के महू के पास पातालपानी में टांट्या भील (मामा) का मंदिर (Tantya Bhil Temple in Patalpani) है, जहां हर साल उनके शहीद दिवस पर 4 दिसंबर (Death Anniversary of Tantya Bhil) को बड़ा मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी परिवार पहुंचते हैं. टांट्या मामा को याद करने के लिए उनके मंदिर के पास एक मिनट के लिए ट्रेन रुकती है. असल में यहां उनके शरीर को दफनाया गया था. उनके शहीदी दिवस (Sacrifice day of Tantya Bhil) पर भाजपा संगठन ने इसी दिन उनको श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम रखा है, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे.
कौन थे आदिवासियों के रॉबिनहुड
आदिवासियों के बीच टंट्या भील की छवि रॉबिनहुड (Robinhood Tantya Bhil of Tribals) की थी, अमर क्रांतिकारी टांट्या भील को लोग प्यार से टांट्या मामा कहकर बुलाते थे. टांट्या भील कई सालों तक ब्रिटिश शासन के सामने बड़ी चुनौती बने रहे. 1874 में अपनी गिरफ्तारी से पहले तक वह ब्रिटिश शासन के खजाने को लूटकर गरीब जनता में बांटते रहे. ब्रिटिश सरकार ने 19 अक्टूबर 1889 को उन्हें मृत्यु दंड दिया था.