भोपाल। कांग्रेस के विरोध के बाद शिवराज सरकार ने किसानों की उपज वापस करने के आदेश को रद्द कर दिया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार की जमकर आलोचना की है दबाव के चलते सरकार ने अपना आदेश वापस ले लिया है.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर किसानों को बर्बादी की ओर धकेलने का आरोप लगाते हुए तीखा प्रहार किया है. प्रदेश सरकार के किसानों को उनका बेचा हुआ अनाज वापस करने के मुद्दे पर जो आदेश शिवराज सरकार ने दिया था. इसे सज्जन सिंह वर्मा ने किसानों के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा है कि किसान आज किस परिस्थिति से गुजर रहा है वह ढोंगी शिवराज और अपने आपको किसान पुत्र बताने वाले लोग क्या समझें.
सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि सिर्फ देवास जिले में 1 हजार 35 किसान ऐसे हैं. जिन्हें फसल वापसी का तुगलकी आदेश सरकार के द्वारा दिया गया था. पूरे प्रदेश में से लाखों किसान भाई होंगे, जिन्होंने अपने खून पसीने की मेहनत कर प्रदेश में अच्छी फसल पैदा की और इसे सरकार के द्वारा खरीदे जाने पर सरकार को बेंच दिया. जिसका डेढ़ महीने से अधिक समय हो जाने पर भी अभी तक भुगतान नहीं किया गया और अचानक से यह तुगलकी आदेश, जिसमें सरकार ने विपणन केंद्रों को किसानों को फसल वापस करने के निर्देश दिए थे.
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि जो सरकार विधायक खरीदने के लिए पैसा खर्च कर सकती है. वो किसानों की फसल क्यों नहीं खरीद सकती. किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह दोगला व्यवहार प्रदेश के किसान कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जब से प्रदेश में शिवराज सरकार की सत्ता आई है, तब से लगातार ऐसे निर्णय ले रही है. जो किसानों, महिलाओं और युवाओं के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि आज तक इस तरह का निर्णय इतिहास में कभी किसी मुख्यमंत्री ने नहीं लिए, इस मुद्दे पर मिल रही जानकारी के अनुसार किसानों के चौतरफा विरोध और विपक्ष के दबाव से सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं और तुगलकी फरमान वापस ले लिया है.