ग्वालियर।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश सरकार पर कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों पर पर्दा डालने की कोशिश का आरोप लगाया है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि कोरोना से प्रदेश के लोगों को बचाने में असफल रही शिवराज सिंह चौहान की सरकार अब इसके कारण हुई मौतों का आंकड़ा छिपाने में लगी है. पहले सरकार ने घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2021 के बाद कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों के पीड़ित परिवारों को एक लाख रुपये का मुआवजा प्रदेश सरकार देगी. वहीं इस संक्रमण काल में जिन बच्चों के माता-पिता का साया उनके सर से उठ गया है. उन्हें प्रदेश सरकार गोद लेगी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि सरकार का यह फैसला अजीबो-गरीब है, क्योंकि जिन बच्चों के माता-पिता 31 मार्च को इसी संक्रमण की वजह से खत्म हुए हैं. उन्हें यह सरकार गोद नहीं लेगी न ही पीड़ित परिवारों को कोई मुआवजा दिया जाएगा.
शिवराज सरकार के तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग
माकपा का कहना है कि शिवराज सरकार को इस तुगलकी आदेश को तुरंत वापस लेना चाहिए. हैरानी की बात यह है कि प्रदेश सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के आयुक्त के हस्ताक्षर से एक जून को प्रदेशभर के जिला रजिस्ट्रार को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि वह मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में कोई भी कारण का उल्लेख नहीं करें. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह का कहना है कि यह सीधे-सीधे जनता के जले पर नमक छिड़कने जैसा कदम है. एक ओर सरकार पीड़ित लोगों की मदद का भरोसा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ मृत्यु प्रमाण पत्र के जारी होने में बीमारी का उल्लेख नहीं करने का भी निर्देश अफसरों को दे रही है. सरकार को एक आदेश को वापस लेने की जरूरत है.