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जिस गैमन इंडिया प्रोजेक्ट का रेरा ने रद्द किया था लाइसेंस, उस पर क्यों मेहरबान है शिवराज सरकार? - madhya pradesh latest news

जिस गैमन इंडिया प्रोजेक्ट का लाइसेंस रेरा (RERA canceled Gammon India project license) ने रद्द किया था, उसी को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्री समूह का गठन (Shivraj government formed group of ministers for Gammon India project) किया है, जिसकी अगली बैठक 20 दिसंबर को होगी.

Shivraj government formed group of ministers for Gammon India project
विवादों में रहे गैमन इंडिया प्रोजेक्ट पर शिवराज सरकार मेहरबान

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Published : Dec 15, 2021, 2:35 PM IST

भोपाल। न्यू मार्केट इलाके में लेटलतीफी के चलते रेरा ने जिस गैमन प्रोजेक्ट का लाइसेंस रद्द कर (RERA canceled Gammon India project license ) दिया था, शिवराज सरकार अब उसी पर मेहरबान है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस मामले को सुलझाने के लिए मंत्रिमंडल उपसमिति का गठन (Shivraj government formed group of ministers for Gammon India project) किया है, जिसकी बैठक मंत्रालय में संपन्न हुई. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने गैमन इंडिया के संबंध में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की है, ताकि इस प्रोजेक्ट को जल्द मंजिल तक पहुंचाया जा सके.

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20 दिसंबर को होगा अंतिम निर्णय

समिति की बैठक में परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, अरविन्द भदौरिया, जगदीश देवड़ा एवं संबंधित अधिकारी भी शामिल हुए. अब 20 दिसंबर को समिति की बैठक के लिए गैमन के प्रतिनिधियों सहित उन्हें फाइनेंस करने वाली बैंकों को भी आमंत्रित किया गया है. इस बैठक में अंतिम निर्णय लेकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किस तरह प्रदेश में निवेश तेजी से बढ़े एवं निवेशकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

गैमन इंडिया प्रोजेक्ट पर हुई बैठक की जानकारी देते मंत्री

क्या है गैमन इंडिया प्रोजेक्ट

2008 में भोपाल के सबसे महंगे 330 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था, जोकि 2013 में खत्म होना था. इसमें 1263 फ्लैट व दुकानें बननी हैं. इनमें से 288 प्रीमियम अपार्टमेंट, 22 पेंटहाउस, 349 दुकानें, 18 बड़ी दुकानें आदि बननी हैं. इसकी 50 फीसदी बुकिंग भी हो चुकी है और प्रोजेक्ट पर काम नहीं होने के चलते 10 खरीददारों ने कंपनी पर प्रकरण दर्ज कराया है, जिसमें रेरा ने पाया कि कंपनी का प्रोजेक्ट साइट खाली पड़ा है. उसके भोपाल और मुंबई में दर्ज पतों पर रेरा ने कई बार नोटिस भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिस पर रेरा ने प्रोजेक्ट का लाइसेंस रद्द कर दिया.

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