भोपाल।मध्यप्रदेश में अवैध उत्खनन परिवहन पर सख्ती से रोक लगाने के लिए शिवराज मंत्रिमंडल की कैबिनेट की बैठक में मध्यप्रदेश खनिज परिवहन तथा भंडारण नियम 2021 को मंजूरी दे दी है. इसमें जुर्माना राशि को 30 गुना तक बढ़ाया गया है. अब अवैध परिवहन करते पकड़े जाने पर ट्रैक्टर-ट्रॉली से लेकर डंपर पर जुर्माना राशि को 50 हजार से लेकर 2 लाख तक किया गया है. (cm shivraj cabinet meeting in bhopal)
59.89 करोड़ रुपये का रखा बजट
कैबिनेट की बैठक में मध्यप्रदेश में दो नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को मंजूरी दी गई है. यह औद्योगिक क्षेत्र बगरोदा गोकला कुंडी और सीहोर के बढ़िया खेड़ी में विकसित किए जाएंगे. इसके लिए कैबिनेट में 59.89 करोड़ की वित्तीय व्यवस्था की है. सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इन औद्योगिक क्षेत्र में 1650 करोड़ के निवेश की संभावना है. इसमें करीब 2000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा. (cm shivraj cabinet on mining vehical)
कैबिनेट में नए नियमों को मंजूरी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में मध्यप्रदेश खनिज अवैध खनन परिवहन तथा भंडारण का निवारण अधिनियम 2021 को अपनी मंजूरी दे दी है. इसमें प्रावधान किया गया है कि खनिज के अवैध परिवहन पर अब वाहनों पर 30 गुना तक जुर्माना वसूला जाएगा. इसमें अवैध उत्खनन एवं भंडारण के मामले में रॉयल्टी का 15 गुना तथा इसके बराबर राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में ली जाएगी. (cm shivra cabinet decision)
पकड़े जाने पर क्या लगेगा जुर्माना
जुर्माना राशि जमा न करने पर जब्त वाहन और मशीनों को राजसात किया जाएगा. जुर्माना राशि जमा करने पर वाहन उनके मालिक को सौंप दिया जाएगा. नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि जब्त किए गए ट्रैक्टर-ट्रॉली को ऋण पुस्तिका के आधार पर नहीं छोड़ा जाएगा, बल्कि जुर्माना राशि जमा करना अनिवार्य होगा. पुलिस यदि ऐसा कोई मामला पकड़ती है तो पुलिस को इसकी सूचना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को देनी होगी. जुर्माना राशि जमा न करने पर भू राजस्व की तरह संपत्ति नीलाम करने का प्रावधान भी किया गया है. (illegal mining in mp)
कैबिनेट में यह भी दिए गए निर्णय
- कैबिनेट की बैठक में अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन के दूसरे चरण को लागू करने का निर्णय लिया गया. इसके तहत अब प्रदेश की सभी 412 नगरीय निकायों को शामिल किया गया है. इन सभी नगरी निकाय क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जल प्रदाय अमृत शहरों में सीवरेज प्रबंधन जली संरचना और हरित क्षेत्रों के विकास आदि के कार्य किए जाएंगे.
- मध्य प्रदेश के पुलिस कर्मचारियों और उनके परिजनों के इलाज के लिए भोपाल में सर्व सुविधा युक्त 50 बिस्तर का अस्पताल बनाया जाएगा. इसमें सभी स्वास्थ्य केंद्रों से स्थानांतरित किए गए पुलिसकर्मियों का इलाज किया जाएगा.
- मध्यप्रदेश में भोपाल के बगैर वादा गोकला कुंडली और सीहोर के बढ़िया खेड़ी में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे. इसके लिए 59.89 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि इससे यहां 1650 करोड़ रुपए की निवेश के आने की उम्मीद है. यहां करीब 2000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा.
- ओमकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची बहू धातु प्रतिमा संग्रहालय अद्वैतवाद अंतर्राष्ट्रीय वेदांत सिद्धांत 2141.85 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई.
- ग्वालियर में ट्रिपल आईटीएम कॉलेज से महारानी लक्ष्मी बाई प्रतिमा तक स्वर्ण रेखा नाले के ऊपर फोरलेन फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस पर करीब 6.5 किलोमीटर लंबे 446 करोड़ रुपए की लागत वाली इस फ्लाइओवर ओके ब्रेड ने अपनी मंजूरी दे दी.
तरुण भनोट ने सरकार पर साधा निशाना
कैबिनेट की बैठक के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह अब तक की सबसे कमजोर सरकार है. सही समय पर कोई भी निर्णय नहीं ले पाती है. भनोट ने मध्यप्रदेश में किसानों को फसल बीमा दिए जाने को लेकर कैबिनेट में लिए गए फैसले को लेकर कहा कि सीएम ने बढ़िया फैसला लिया है. अच्छा होता जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई भी करते. कमलनाथ सरकार में 28 लाख 70 हजार किसानों की कर्ज माफी हुई है, अब जिन लोगों का कर्जा माफ नहीं हुआ है. उन लोगों का कर्जा माफ हो जाए. (tarun bhanaut statement on shivraj cabinet)
कमजोर सरकार निर्णय नहीं ले पाती
प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मंत्री समूह की बैठक और सरकार के दो अलग-अलग मंत्रियों के बयान को लेकर पूर्व वित्त मंत्री भनोट ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमजोर सरकार है. सरकार कर्मचारियों के लेकर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. उन्होंने कहा कि आज हमारी गौ माता रोड पर घूम रही हैं. रोजाना मृत पाई जा रही हैं, और सीएम गौरव दिवस मनाने गांव में जा रहे हैं. जाना है तो गांवों में जाइए, फिर जनता आपको बताएगी कि वह आपका कितना गौरव मनाती है.
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भनोट ने कहा कि मुख्यमंत्री के गांव जैत में पेयजल समस्या है. उन्होंने कहा कि उनका गांव जैत के किनारे पर है. इसके बावजूद गांव में पेयजल की समस्या है. 17 साल में मुख्यमंत्री समस्या का निराकरण नहीं करा पाए. वह स्वर्णिम मध्यप्रदेश का दावा कर रहे हैं. वह सामने आ गया है.