भोपाल। राजधानी भोपाल में महाराणा प्रताप लोक का निर्माण किया जाएगा. भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित महाराणा प्रताप जयंती के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका ऐलान किया है. सीएम ने कहा कि "प्रदेश में राणा कल्याण बोर्ड का भी गठन किया जाएगा, ताकि कल्याण के काम लगातार होते रहें." कार्यक्रम में महाराणा प्रताप के वंशज महाराज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने सीएम शिवराज को हल्दीघाटी की माटी को भेंट किया है. कार्यक्रम के पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के मनुभावन टेकरी एयरपोर्ट रोड पर रानी पद्मावती की मूर्ति का लोकार्पण किया.
हल्दीघाटी का युद्ध:कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि "हल्दीघाटी का युद्ध ऐसा युद्ध है, जिसे पूरी दुनिया याद करती है. महाराणा प्रताप ने इस युद्ध में अधीनता स्वीकार नहीं की, जंगलों में भटके. लेकिन जंगल में भटककर वे जब लोगों को इकट्ठा कर रहे थे तब भोजन की व्यवस्था करने का काम भील कर रहे थे. यह वीरों की धरती है, यदि ऐसे वीरों के जन्मदिन पर अगर सरकार ने छुट्टी घोषित करने का काम किया तो कोई उपकार नहीं किया, बल्कि उनका ऋण उतारने का काम किया है."
- सीएम ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश में एक संगठन ऐसा पकड़ा गया, जो पहले लव जिहाद फिर धर्मांतरण और फिर आतंक की तरफ लोगों को धकेलता है. ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा. देश की रक्षा करना महाराणा प्रताप ने ही सिखाया है, ईमानदारी और सच्चाई से जनता की सेवा करना यह भी महाराणा प्रताप से ही सीखा है.
- आने वाली पीढ़ियों को उनकी शूर-वीरता की कहानी पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा महाराणा प्रताप का एक भव्य स्मारक बनाया जाएगा. इसमें राणा प्रताप के 7 ऐसे सहयोगी, जिन्होंने हमेशा महाराणा प्रताप की मदद की, उनका चित्रण किया जाएगा ताकि पीढ़ियां उन्हें देख सकें. इसके लिए महाराणा प्रताप का लोक भोपाल में बनाया जाएगा. यह हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियां उनके शौर्य और बलिदान को जान सकें.
- राणा कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा, ताकि कल्याण के काम लगातार होते रहें. महाराजा कुमार आप ऐसे बोर्ड में मार्गदर्शन के लिए अपने नाम की सहमति दीजिए.
- MP: सरकारी कर्मचारियों की मौज! जातीय गणित व वोट बैंक की खातिर सालभर में 6 माह से ज्यादा अवकाश
- MP में महाराणा प्रताप जयंती पर सरकारी छुट्टी का ऐलान, भोपाल में होगा बड़ा आयोजन, वंशज से जताया आभार
- आखिर क्यों मनाया जाता है आदिवासी दिवस? MP में आदिवासी सियासत का बंटवारा, बीजेपी-कांग्रेस के हैं अपने-अपने 'नायक'