भोपाल। कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र के अनुसार शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा तो जरूर की लेकिन शायद यह घोषणा केवल कागजों में ही सिमट कर रह गई है. मध्य प्रदेश के सरकारी शिक्षकों को वेतनमान देने का आश्वासन तो दिया लेकिन पिछले 2 महीने की सैलरी में कोई बदलाव नहीं किया. जिस कारण से सरकारी शिक्षक नाराज है और इसका विरोध कर रहे हैं.
कागजों ने सिमट कर रह गया सातवां वेतनमान, शिक्षकों को नहीं मिली सैलरी - congress
प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेजों की फैकल्टी के लिए सातवां वेतनमान लागू तो कर दिया लेकिन पिछले 2 महीने की शिक्षकों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने सत्ता में आने के लिए उन्हे लॉलीपॉप दिया गया था. जब यूजीसी ने सातवां वेतनमान लागू कर दिया है तो सरकार उनकी सैलरी में बढ़ोत्तरी क्यों नहीं कर रही है.
प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेजों की फैकल्टी के लिए सातवां वेतनमान लागू तो कर दिया लेकिन पिछले 2 महीने की शिक्षकों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने सत्ता में आने के लिए उन्हे लॉलीपॉप दिया गया था. जब यूजीसी ने सातवां वेतनमान लागू कर दिया है तो सरकार उनकी सैलरी में बढ़ोत्तरी क्यों नहीं कर रही है. मामले को लेकर अशासकीय महाविद्यालय अध्यापक संघ ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है.
बता दें, शिक्षकों का जनवरी और फरवरी की सैलरी नए वेतनमान के अनुसार आनी थी लेकिन वेतनमान लागू होने के बावजूद सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ. प्रोफेसर का कहना है कि वित्त विभाग के अधिकारियों की मनमानी के कारण उन्हें यूजीसी वेतनमान का लाभ नहीं दिया है. वहीं अब मार्च की सैलरी भी नए वेतनमान के अनुसार मिलने की उम्मीद कम है.