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Published : Jul 7, 2021, 1:54 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 4:10 PM IST

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मोदी के सारथी! बंगाल में बीजेपी का दम दिखाने वाले कैलाश विजयवर्गीय का राजनीतिक सफर

पश्चिम बंगाल विधानसभा की 70 सीटों पर कमल खिलाने वाले कैलाश विजयवर्गीय मोदी के सारथी या महारथी बन सकते हैं क्योंकि मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद है.

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मोदी के नए सारथी!

भोपाल। मोदी सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश से इस बार कम से कम दो मंत्री बनाए जा सकते हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद फिलहाल प्रमुख दावेदारी बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की लगभग तय मानी जा रही है, लिहाजा उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में पार्टी को संतोषजनक प्रदर्शन के साथ संगठनात्मक जिम्मेदारी में विजयवर्गीय की सक्रियता का लाभ एक बार फिर उन्हें मिल सकता है. आइए जानते हैं कौन हैं कैलाश विजयवर्गीय, जिन्हें केंद्रीय कैबिनेट विस्तार के बाद मोदी का सारथी या महारथी बनने की उम्मीद है.

कैलाश विजयवर्गीय का परिचय

मध्यप्रदेश में मंत्री रहते कैलाश विजयवर्गीय ने संगठन में केंद्रीय स्तर पर कार्य करने की इच्छा जताई थी, इसके बाद से ही वे पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी रहे हैं. हाल ही मेंं संपन्न हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी को 70 सीटों तक पहुंचाने का श्रेय कैलाश को जाता है, इस योगदान को पार्टी में भी स्वीकारा जा रहा है. इसके अलावा उन्हें अमित शाह के करीबी होने का लाभ भी मिल सकता है, मंत्रिमंडल विस्तार की वर्तमान परिस्थितियों पर गौर किया जाए तो फिलहाल मोदी सरकार में मध्यप्रदेश से तीन मंत्री हैं.

कैलाश विजयवर्गीय का व्यवहार

मंत्रिपरिषद के विस्तार से पहले मोदी से मिलने पहुंचे संभावित मंत्री

मोदी 2.0 में नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद सिंह पटेल शामिल रहे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री ने मंत्रियों की परफॉर्मेंस की जो समीक्षा की थी, उसके आधार पर फग्गन सिंह कुलस्ते या गहलोत को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने की खबरें आ रही थी. हालांकि, मंगलवार को राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त कर दिया था. अब एमपी के कोटे से तीन मंत्री बचे हैं. ऐसे में दावेदार माने जा रहे कैलाश विजयवर्गीय के राजनीतिक सफर पर एक नजर डालते हैं.

कैलाश विजयवर्गीय का राजनीतिक सफर

ऐसी स्थिति में इन मंत्रियों के विकल्प के तौर पर कैलाश विजयवर्गीय को मौका मिल सकता है. इसकी उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि कैलाश विजयवर्गीय को खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने की भी खबर है. यही वजह है कि बीते कुछ दिनों से कैलाश विजयवर्गीय विवादित बोल से भी बच रहे हैं, इसके पीछे भी राजनीतिक जानकार मंत्रिमंडल को लेकर उनके वेट एंड वाच की स्थिति का परिणाम बता रहे हैं.

Last Updated : Jul 7, 2021, 4:10 PM IST

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