भोपाल। कोविड (Covid), ब्लैक फंगस (Black fungus) और डेंगू (Dengue) के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पर अब स्क्रब टाइफस (scrub typhus) बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. इस बीमारी का शिकार हुए एक 6 साल के बच्चे भूपेंद्र नोरिया की जबलपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. रायसेन के इस बच्चे ने 15 अगस्त को अस्पताल में दम तोड़ा था. नोरिया में स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है. इस बीमारी में व्यक्ति को पहले ठंड लगती है और फिर बुखार आता है. समय पर इलाज न कराने पर यह बिगड़ जाता है.
इनसे फैलता है स्क्रब टाइफस (Spreading of Scrub Typhus)
स्क्रब टाइफस जिला प्रभारी डॉक्टर गुंजन सिंह के अनुसार यह लगभग 200 साल पुरानी बीमारी है, जो चूहा, छछून्दर, गिलहरी और खरगोश से फैलती है. इस बीमारी के लक्षण में मरीज को तेज बुखार इसके अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी आना और उल्टी होना हैं. कुछ मामलों में शरीर पर सूखे चकते भी हो सकते हैं. चिकित्सकों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों में काम करते समय हाथ-पैर को ढक कर रखना चाहिए, साफ सफाई का पालन करना चाहिए. वहीं सीएमएचओ का कहना है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक रहना चाहिए ताकि इस बीमारी से बचा जा सके.
क्या होता है स्क्रब टाइफस ? (What is Scrub Typhus)
स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित संक्रमण है जो लोगों की मौत की वजह बनता है, जिसके लक्षण कुछ-कुछ चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं. स्क्रब टाइफस पिस्सुओं के काटने से फैलता है. पिस्सू चूहे छछून्दर गिलहरी और खरगोश के शरीर पर चिपककर इंसानों के घरों में पहुंचते हैं. पिस्सुओं के इंसानों को काटते ही उसके लार में मौजूद जीवाणु रक्त में फैल जाता है. इसकी वजह से लीवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह के संक्रमण होने लगते हैं.