भोपाल/बेंगलुरु। एक तरफ जहां पिछले 17 दिनों से मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल आया हुआ है. कांग्रेस के आलाकमान की सांसें ऊपर नीचे हो रही थीं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के बागी हुए 22 विधायक बेंगलुरु के रमाडा रिजॉर्ट में सुकून के पल बिता रहे थे, 17 दिनों की उठापटक के बाद आखिरकार 18वें दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सभी पूर्व विधायक भोपाल वापस लौट रहे हैं.
वापस लौट रहे सिंधिया सर्मथक बागी सिंधिया समर्थक सभी बागी आज बेंगलुरु से भोपाल लौट रहे हैं, लेकिन इससे पहले ये सभी दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात करेंगे. ये वही पूर्व विधायक हैं जिन्होंने सिंधिया के लिए अपनी पार्टी से बगावत कर कुर्सी भी कुर्बान कर दी. सभी विधायकों ने बेंगलुरु के रिजॉर्ट से वीडियो भेज कर बताया था कि वे वहां किसी के दवाब में नहीं बल्कि खुद की मर्जी से आए हैं और अपने महाराज के लिए अपने पद का त्याग कर रहे हैं.
तीन मार्च को शुरु हुए सियासी खेल में 9 मार्च को अचानक सिंधिया सर्मथक सभी सिंधिया समर्थक 22 विधायक गायब हो गए थे, जिसके बाद एमपी की सियासत में भूचाल आ गया था. वहीं विधायकों को दिल्ली से बेंगलुरु के प्रतिष्ठा रिजॉर्ट में ठहरे थे. इसी बीच कांग्रेस से विधायक जीतू पटवारी उन्हें लेने बेंगलुरु पहुंचे थे, लेकिन उन्हें विधायकों से मिलने नहीं दिया गया. वहीं जीतू पटवारी की वहां के पुलिस कर्मियों से झड़प भी हो गई थी.
सियासी ड्रामा देखते हुए सभी विधायकों को 14 मार्च की रात अचानक प्रतिष्ठा रिजॉर्ट से रमाडा रिजॉर्ट में शिफ्ट किया गया. 18 मार्च को दिग्विजय सिंह कई कांग्रेस नेताओं के साथ बेंगलुरु पहुंचे. उन्हें रमाडा रिजॉर्ट से पांच किलोमीटर पहले ही रोक लिया गया. जिससे नाराज होकर दिग्विजय सिंह सहिक कांग्रेस धरने पर बैठ गए. सभी नेताओं और कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिव कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. इन सब के बाद कोर्ट के फ्लोर टेस्ट के आदेश के बाद कमलनाथ ने 20 मार्च को राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है. वहीं इस सियासी ड्रामे के बाद सभी बागी विधायक वापस लौटे.