भोपाल।एमपी की सियासत में 11 मार्च का दिन ऐतिहासिक रहा. जहां सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा दिया, वहीं 11 मार्च को उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली. इसी के साथ प्रदेश में सिंधिया को लेकर चल रही अटकलों का दौर थम गया, लेकिन कमलनाथ सरकार के लिए मुश्किलें और बढ़ गईं.
सिंधिया ने कांग्रेस छोड़, बीजेपी का दामन थामा शाम होते-होते बीजेपी ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी, जिसमें एमपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम था. सिधिंया के बीजेपी में शामिल होने और उन्हें राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर पूर्व सीएम और प्रदेश में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें बधाई दी.
उधर सिंधिया की दोनों बुआ यशोधरा राजे और वसुंधरा राजे ने भी सिंधिया का बीजेपी में स्वागत किया. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने जहां सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने पर बधाई दी, तो वहीं प्रदेश में कांग्रेस के एक बड़े चेहरे जीतू पटवारी ने इसे कांग्रेस के साथ धोखा बताया.
सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद प्रदेश में कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने जहां कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, वहीं जब सिंधिया ने बीजेपी ज्वॉइन की तो उनके समर्थक विधायकों ने भी इस कदम को सही ठहराया. इमरती देवी और तुलसी सिलावट जैसे बड़े चेहरों ने तो यहां तक कहा कि जहां सिंधिया जाएंगे वह वहीं आएंगे.
सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर जहां पीएम मोदी और अमित शाह का धन्यवाद किया, वहीं उन्होंने कांग्रेस से अलग होने के तीन कारण भी बताए.
- सिंधिया ने पहला कारण बताते हुए कहा कि "कांग्रेस में जड़ता की स्थिति है। पार्टी वास्तविकता से इनकार करती है। पार्टी में नए नेतृत्व को मान्यता नहीं मिल रही है।"
- सिंधिया ने कांग्रेस से मोहभंग होने के पीछे मध्य प्रदेश सरकार में भ्रष्टाचार को भी कारण बताया. मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम लिए बगैर उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा.
- इसके अलावा सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को भी भाजपा में आने के पीछे का कारण बताया. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का भविष्य सुरक्षित है।"