भोपाल। बुलबुले देखने में जितने सुंदर होते हैं, वो उतने ही ज्यादा नाज़ुक भी होते हैं. कभी बनते ही फूट जाते तो कभी कुछ सेकेंड्स में. बुलबुला जितना ही बड़ा होता है उसकी उम्र उतनी ही कम होती है. लेकिन फ्रांस के यूनिवर्सिटी ऑफ लिले (University of Lille in France) के वैज्ञानिकों ने कमाल करते हुए एक ऐसा जादुई बुलबुला बनाया जो एक-दो मिनट नहीं बल्कि साल भर से ज्यादा वक्त तक टिकता है.
465 दिनों बाद फूटा बुलबुला (Bubble Popped After 465 Days)
ये खबर पढ़कर आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन ये जादुई बुलबुला सच है. आमतौर पर साबुन के बुलबुले जहां चंद सेकेंड्स या चंद मिनट में फूट जाते हैं, वहीं इस जादुई बुलबुले ने 465 दिनों तक अपना आकार बनाए रखा है. फिर कहीं जाकर यह फूटा है. ये सबसे शानदार गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में से एक है. इसके पीछे ग्रैविटेशनल ड्रेनेज (gravitational drainage) का विज्ञान है, जिसमें बुलबुले के अंदर की गैस साबुन के मेम्बरेन का साथ डिफ्यूज़ हो जाती है और खूबसूरत का बुलबुला फूटकर हवा में बिखर जाता है. हालांकि वैज्ञानिकों ने एक स्थाई बुलबुला तैयार किया है, जो साल भर आसानी से टिक सकता है.
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200,000 गुना अधिक लंबा चला
वैज्ञानिकों की मानें तो उनका यह बुलबुला नियमित साबुन के बुलबुले की तुलना में 200,000 गुना अधिक लंबे समय तक अपने आकार में रहा है, जो आम तौर पर केवल कुछ ही मिनटों या सेकेंड तक रहता है. बुलबुला बनाने की टीम को भौतिकशास्त्री आयमेरिक रॉक्स ने लीड किया. उन्हें गैस मार्बल नाम की कोई चीज़ तैयार की, जो पानी के साथ मिलाकर छोटे नायलॉन पार्टिकल बना रही थी. इस लिक्विड के बुलबुले वातावरण में कुछ मिनट या फिर एक घंटा टिक सके. जिसके बाद टीम ने ग्लिसेरॉल, रंगहीन, गंधहीन, वेस्कॉस लिक्विड और कुछ फार्मा प्रोडक्ट्स को गैस मार्बल्स के साथ मिक्स कर एक ऐसा जादुई बुलबुला तैयार किया, जो 465 दिन (Magical Bubble lasted 465 days) यानी पूरे 1 साल और 10 दिन तक टिका.
क्या है बुलबुला न फटने का राज (Scientists Create Strong Bubble)
बुलबुले के एक साल से ज्यादा तक टिके रहने का राज 'गैस मार्बल' है. यह हवादार खोल संरचना होती है, जिसमें कई परत होती है. वहीं सतह पर प्लास्टिक के मनके इसे और मजबूती देते हैं. टीम के मुताबिक ग्लेसरॉल बुलबुले की उम्र बढ़ाने के लिए सबसे अहम तत्व था. जिस वाष्पीकरण की वजह से बुलबुला फूटता है, उसे इसने कम कर दिया और हवा की नमी को सोखा. साथ ही लिक्विड में मौजूद प्लास्टिक पार्टिकल्स ने इसमें से पानी के बहने को भी रोक दिया, ऐसे में जादुई बुलबुला ज्यादा देर तक वैसा ही बना रहा.