भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के दूसरी लहर के बाद बंद हुए स्कूल सोमवार से फिर खोल दिए गए हैं. स्कूल खुलने के बाद पहले दिन प्रदेश के स्कूलों में कहीं भीड़ तो कहीं सन्नाटा नजर आया. ज्यादतर निजी स्कूलों में बच्चों की भीड़ दिखाई दी, तो सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या कम या न की बराबर ही रही. राजधानी भोपाल में कलेक्टर अविनाश लवानिया पुराने सुभाष एक्सीलेंस स्कूल पहुंचे और तैयारियों की निरीक्षण किया. इस दौरान कलेक्टर ने बच्चों के माता-पिता द्वारा दिए गए अनुमति पत्र भी देखे.
इंदौर में कम बच्चे पहुंचे स्कूल
इंदौर में पहले दिन कम ही बच्चे स्कूल पहुंचे. इंदौर में बारिश के कारण कई स्कूलों में पहले दिन बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही. शहर के निजी स्कूलों में छात्र कम नजर आए. तो वहीं सरकारी स्कूलों में छात्र न के बराबर ही नजर आए. शहर के शासकीय संयोगितागंज बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य नीलम दीक्षित ने बताया कि बच्चों को 12 बजे उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन पहले दिन बच्चों की संख्या काफी कम रही.
ग्वालियर में बच्चे नजर आए उत्साहित
इधर ग्वालियर में स्कूल पहुंचे बच्चे काफी उत्साहित नजर आए. शहर के शासकीय जीवाजी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पहले दिन कम छात्र ही नजर आए. स्कूल में कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाया गया. छात्रों के आने से पहले क्लासरूम को सैनेटाइज करवाया गया. छात्रों का कहना था कि ऑनलाइन क्लास में कई बार नेटवर्क की दिक्कतों की वजह से अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती थी. बच्चों ने स्कूल फिर से खुलने पर खुशी जाहिर की.
जबलपुर में शिक्षकों में नहीं दिखा उत्साह
इधर जबलपुर में स्कूल खुलने के पहले दिन बच्चे काफी उत्साहित नजर आए. हालांकि स्कूल खोलने की तैयारियां कमजोर नजर आई. शहर के पंडित लज्जा शंकर झा मॉडल हाईस्कूल में पहले दिन बच्चे स्कूल खुलने से पहले ही पहुंच गए, जबकि कई शिक्षक लेटलतीफी करते हुए स्कूल खुलने के बाद पहुंचे. स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करवाया गया. ऐसा ही हाल शहर के इस्लामिया स्कूल में भी देखने को मिला.