भोपाल। अपने बयान से विवादों में आए मंत्री इंदर सिंह परमार ने एक बार फिर खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया है. मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि अभिभावकों के साथ कुछ असामाजिक तत्व उनके निवास पर आए थे और आपाधापी में इस तरह का माहौल बना रहे थे. मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि इस तरह की गुंडागर्दी और ब्लैक मेलिंग वह बर्दाश्त नहीं करेंगे. वह तो सिर्फ अभिभावकों से मिलकर बात कर रहे थे. लेकिन मंत्री का आरोप है कि अभिभावकों के साथ कई असामाजिक तत्व भी साथ में थे.
गुंडागर्दी और ब्लैकमेलिंग नहीं की जाएगी बर्दाश्त अपने बयान पर कयाम मंत्री
अभिभावकों को मर जाने का बयान देने के बाद विवाद में फंसे स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अगले दिन भी अपने रुख पर कायम रहे. अपने रवैया पर बिना माफी मांगने के इंदर सिंह परमार ने साफ तौर पर कह दिया कि जो ऑडियो आया है, उसमें उनकी आवाज नहीं है. जहां तक गार्ड द्वारा धक्का देने का सवाल है तो ऐसे में कई असामाजिक तत्व भी अभिभावकों के साथ मंत्री के निवास पर आए थे.
मंत्री ने अपनी सफाई में कहा कि पालक संघ का बोलकर वह उनके साथ में थे और वही बदसलूकी कर रहे थे. ऐसे में गार्ड ने सुरक्षा की दृष्टि से उन को धक्का दिया है. ऐसी गुंडागर्दी और ब्लैक मेलिंग दोबारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
फीस माफी पर मंत्री-पालकों में तकरार : 'तुम नेतागिरी करने आए हो, मरना है तो मर जाओ'
इंदर सिंह परमार का कहना है कि अभिभावकों से लगातार पहले भी बातचीत जारी रह चुकी है और लगातार वह उनसे संपर्क में है लेकिन मंगलवार को जो अभिभावक आए थे. उनके साथ में कई ऐसे भी लोग थे जिन्होंने जबरदस्ती हुड़दंग मचाया था. अगर गलती की गई है इस पर अभी अभिभावक संघ चाहे तो जाकर FIR कराएं अन्यथा असामाजिक तत्व के बारे में मंत्री स्वयं जानकारी निकलवा रहे हैं.
इस बयान के बाद जब मंत्री जी से फिर पूछा गया कि आप अभिभावकों को गुंडागर्दी और गुंडों की श्रेणी दे रहे हैं, तो मंत्री जी अपने बयान से बचते हुए नजर आए और सवालों का जवाब देने से बचकर भाग निकले.
कोरोना काल में बच्चों की फीस माफ करने की गुहार लगाने अभिभावक, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले पहुंचे थे. अभिभावकों ने निजी स्कूलों की ओर से मांगी गई फीस को वापस लेने की मांग की. लेकिन बात नहीं बनी, उलटा गर्मागर्मी हो गई. अभिभावकों का दावा है कि मंत्री ने उन्हें फटकार दिया और कहा कि अगर अभिभावकों को मरना है तो मर जाएं, यहां कुछ नहीं होगा.
करोना काल में कई स्कूल बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज लगीं. कुछ प्राइवेट स्कूलों ने फीस भी बढ़ा दी. अभिभावकों का कहना है कि जब पढ़ाई नहीं हुई तो फीस क्यों दें. यही मांग लेकर पालक संघ सरकार के पास पहुंचा. फीस माफी की मांग को लेकर मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले पर पालक संघ के लोग पहुंचे थे.
अभिभावकों का कहना है कि मंत्री जी ने साफ तौर पर उन्हें फीस माफी के लिए मना कर दिया और उन्हें लताड़ दिया. उनकी बात तक नहीं सुनी. कुछ देर तक अभिभावक संघ की मंत्री से तीखी बहस भी हुई थी. अभिभावकों का आरोप है कि ने साफ कह दिया कि ऐसे में पालक मरते हैं तो मर जाएं, फीस पर कुछ नहीं होगा. अभिभावकों का ये भी आरोप है कि बहसबाजी के दौरान मंत्री के गार्ड ने एक पालक को धक्का भी दे दिया. इससे पालक संघ उग्र हो गया. उन्होंने मंत्री से इस्तीफा देने की मांग तक कर डाली.