भोपाल।मध्यप्रदेशमें स्किल के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है. यह घोटाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना 'जल जीवन मिशन' में हुआ है. इस योजना के तहत गांव के युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें इस काबिल बनाना था कि वे गांव में ही रोजगार प्राप्त कर सकें, लेकिन इस योजना के नाम पर प्रदेश की 11 संस्थाओं ने सिर्फ कागजों पर पूरी ट्रेनिंग करा दी. हद तो तब हो गई जब इस पूरी ट्रेनिंग में मृतकों और ओवरएज लोगों के भी नाम कागजों पर दिखे. ईटीवी भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की ताे पता चला कि इस गड़बड़ी की जांच विभाग स्तर पर करवा ली गई है, और दोषियों के नाम भी सामने आ गए हैं, लेकिन जांच कराने वाली सीईओ के हटते ही फाइल दबा दी गई.
जल जीवन मिशन योजना में घोटाला:केंद्र सरकार के सहयोग से इन दिनों गांव में 'जल जीवन मिशन' का काम तेजी से चल रहा है. कई बार इस योजना में खराब क्वालिटी से होने वाले काम की बात सामने आती है. अब इस योजना के नाम पर एक घाेटाला भी किया जा रहा है. इस स्कीम के तहत ग्रामीण युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जानी थी. इसमें प्रदेश के करीब 50 हजार युवाओं को छोटे छोटे काम सिखाए जाने थे. इसके लिए सरकार ने लगभग कई करोड़ रुपए का प्रावधान किया था. इसमें 17.50 करोड़ रुपए की ट्रेनिंग का काम मध्यप्रदेश की 11 संस्थाओं को दिया गया था, लेकिन इन संस्थाओं ने ट्रेनिंग स्कीम हासिल करने के लिए नियमाें का पालन करने की जगह फर्जी प्रमाण पत्र के साथ फर्जी सील बना ली और प्रोजेक्ट हथिया लिया. जब काम मिला तो फर्जी तरीके से ही ट्रेनिंग भी करवा दी. ट्रेनिंग में जिन लोगों के नाम शामिल किए गए थे, उनमें मृतक और उम्रदराज लोग शामिल थे. ये काम केंद्र ने एमपी के राज्य कौशल विकास एवं रोजगार बोर्ड को दिया था. जब इस मामले में शिकायत की गई तो बोर्ड की पूर्व सीईओ ने बहुत ईमानदारी के साथ इस फर्जीवाड़े की जांच गंभीरता से कराई. जांच में साबित हो गया कि फर्जीवाड़ा हुआ है, लेकिन कार्रवाई नोटिस देने तक ये सिमटकर रह गई.
कौन-कौन सी कंपनियां थीं शामिल:एमपी में स्किल ट्रेनिंग के लिए 24 सितंबर 2021 को इसकी आरपीएल (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी की गई. इसी के तहत प्रदेश की 11 संस्थाओं का चयन किया गया. इनमें एप्टेक लिमिटेड, इंडिया विजन रियलिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, शुभ इंटरप्राइजेस, इंटेको टेक्निकल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, समाधान समाज सेवा संगठन, गंगा ज्ञान विकास समिति, सेम स्किल डवलपमेंट एंड आईटी सॉल्युशन प्रमुख हैं. इनके चयन के लिए बोर्ड से जुड़े 10 अफसर और कर्मचारियों को मूल्यांकन समिति में शामिल किया गया. इनको वेरिफिकेशन करके बताना था कि कैसे और कब ट्रेनिंग हुई है, लेकिन इन्होंने भी कागजों पर ही वेरिफाई कर दिया.