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Satpura Bhawan Fire Files: सतपुड़ा भवन मामले में जांच पूरी, सभी को मिली क्लीनचिट, शार्ट सर्किट से लगी आग - भोपाल न्यूज

एमपी गवर्मेंट के दूसरे सबसे बड़े सरकारी भवन सतपुड़ा में लगी आगजनी की जांच पूरी कर ली गई है. कुल 287 पेज वाली इस रिपोर्ट को पूरा करने में घटना के बाद से अब तक 7 दिन का समय लगा. इस दौरान कुल 32 लोगों के बयान लिए गए. निष्कर्ष यह निकला कि इसमें कोई दोषी नहीं है.

Satpura Bhawan
सतपुड़ा भवन

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Published : Jun 19, 2023, 9:21 PM IST

भोपाल। सिस्टम में अर्थ फॉल्ट (अर्थ लीकेज) के प्रोटेक्शन के लिए कहीं भी व्यवस्था नहीं की गई थी. जांच में ऐसा लगता है कि एसी के टॉप-बॉटम पावर प्लग में लूज कनेक्श रहा हो, जिससे चिंगारी निकली एवं साेफे में आग लग गई. जांच समिति का यह भी निष्कर्ष है कि जानबूझकर अथवा शरारत के रूप में इस घटना को घटित करने में किसी भी व्यक्ति की संदिग्ध भूमिका परिलक्षित नहीं होती है. यह तमाम बातें उस जांच रिपोर्ट में लिखी है जो सतपुड़ा भवन में आग लगने को लेकर तैयार करके शासन को सौंपी है.

सतपुड़ा भवन में जांच पूरी

आगजनी के आठ दिन बाद जांच समिति ने 3 जगहों का निरीक्षण करने के बाद, कुल 32 लोगों के बयान लिए. राज्य स्तरीय फॉरेंसिक साइंस लैब और सागर की जांच रिपोर्ट बुलवाई. चीफ इलेक्ट्रिसिटी इंस्पेक्टर और उनके जांच दल की तकनीकी रिपोर्ट शामिल की गई. इसके बाद नुकसान का आंकलन किया गया. PWD की 2 उप समितियां बनाकर प्रतिवेदन तैयार किया. उसके बाद इन सभी को शामिल करके कुल 287 पन्नों का एक जांच प्रतिवेदन राज्य शासन को सौंप दिया. ईटीवी भारत को इसी में से कुछ तथ्य मिले. जिनसे यह पता चला कि इस पूरे मामले में किसी को भी दोषी नहीं माना गया है.

सतपुड़ा भवन में जांच की कॉपी

यह तथ्य आए सामने

  1. लकड़ी के फ्रेम पर प्लाई वुड फ्रेम किया गया और उस पर एसी का टॉप एवं बॉटम पॉवर प्लग को लगा दिया गया. बार-बार उपयोग होने से लूज वायरिंग, लूज कनेक्शन से टॉप बॉटम की वायरिंग में स्पार्किंग होती रही एवं शार्ट सर्किट हुआ. उससे आग की चिंगारी सोफे पर गरी और इसके बाद आग लगी.
  2. एसी को लेकर मुख्य विद्युत निरीक्षक की 7 सदस्यीय टीम द्वारा जो प्रतिवेदन दिया है, उसमें लिखा है कि सामान्य रूप से एसी को रिमोट से संचालित किया जाता है. ऐसी स्थिति में विद्युत प्रवाह स्विच व प्लग से रहता है. तार व वायरिंग के लूज रहने पर धीरे-धीरे लूज वायरिंग में फेज से न्यूट्रल में लीकेज स्पार्क से करंट बहता रहता है. इसी से शॉर्ट सर्किट होने की संभावना रहती है. इसी प्रकार एसी बंद रहने पर भी चिंगारी की संभावना बनी रहती है.
  3. जांच प्रतिवेदन के अनुसार सतपुड़ा भवन की तीसरी, चौथी, पांचवी और छटी मंजिल में उपस्थित कर्मचारियों व अधिकारियों से शपथ पत्र पर लिए गए बयानों, मौके पर मौजूद लोगों की मोबाइल रिकार्डिंग के अनुसार आग सतपुडा भवन की तीसरी मंजिल के पश्चिमी विंग स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग सहायक आयुक्त वीरेंद्र सिंह के कमरे में शाम 4 बजे से 5 बजे के बीच लगी है.
  4. तीनों मंजिल पर कुल आठ सैंपल लिए गए, इनमें से किसी वस्तु में ज्वलनशील पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन (पेट्रोल, डीजल, केरोसीन) के अवशेष अनुपस्थित है.
सतपुड़ा भवन में जांच की कॉपी

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कुल 24 करोड़ रुपए का नुकसान, 2542 वर्गमीटर एरिया खराब: जांच प्रतिवेदन के अनुसार कुल 24 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन हुआ है. वहीं करीब 1600 वर्गमीटर एरिया पूरी तरह जलकर बर्बाद हो गया. इसमें तीसरी मंजिल का 634.36 वर्गमीटर, चर्तुथ मंजिल का 827.06 वर्गमीटर, पांचवे फ्लोर का 202.50 वर्गमीटर और छठवीं मंजिल का 878.36 वर्गमीटर एरिया पूरी तरह जलकर क्षतिग्रस्त हो गया. इसके अलावा इन चारों फ्लोर पर करीब 1671 वर्ग मीटर एरिया आंशिक रूप से खराब हाे गया है.

सतपुड़ा भवन में जांच की कॉपी

ईटीवी का दावा सच निकला, नहीं माना किसी को दोषी: इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने बैक टू बैक इंवेस्टिगेशन करके बताया था कि आगजनी के मामले में किसी को भी दोषी माना जाएगा. सभी पक्षों को क्लीन चिट देने की तैयारी कर ली गई है. सोमवार को सामने आई रिपोर्ट के अनुसार ठीक वैसा ही हुआ और किसी को दोषी नहीं माना गया.

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