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नूतन कॉलेज ने क्रिस्प के साथ किया एमओयू, पासआउट छात्राओं को मिलेगा रोजगार - प्राचार्य प्रातिभा सिंह

कोरोना महामारी की वजह से रोजगार से वंचित छात्राओं को सरोजनी नायडू महाविद्यालय ने दूसरा मौका दिया है. 2019-20 में पास आउट यूजी और पीजी के छात्राओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

passout students will get chance
पासआउट छात्राओं को मिलेगा रोजगार

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Published : Feb 16, 2021, 12:26 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते रोजगार से वंचित छात्रों को सरोजनी नायडू महाविद्यालय ने दूसरा मौका दिया है. 2019-20 में पास आउट यूजी और पीजी के छात्राओं को रोजगार से जोड़ने के लिए महाविद्यालय ने क्रिस्प के साथ एमओयू किया.

सरोजनी नायडू महाविद्यालय ने क्रिस्प के साथ किया एमओयू
कोरोना संक्रमण की वजह से कैंपस प्लेसमेंट से वंचित छात्राओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सरोजनी नायडू महाविद्यालय ने स्किल इंडिया मिशन के तहत क्रिस्प के साथ एमओयू साइन किया है. इस एमओयू के तहत महाविद्यालय से 2019-20 में पास आउट छात्राओं को रोजगार संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

पास आउट छात्राओं को महाविद्यालय ने दिया सुनहरा मौका
नूतन कॉलेज की प्राचार्य प्रातिभा सिंह ने बताया कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत उच्च शिक्षा विभाग छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए कई प्रायास कर रहा है. नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को रोजगार से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है. ऐसे में कॉलेज ने हाल ही में क्रिस्प के साथ एमओयू किया है, जिसमें महाविद्यालय की उन छात्राओं को भी मौका दिया गया है, जिन्हें कोरोना संक्रमण के चलते कॉलेज से पास आउट होने के बाद कही रोजगार नहीं मिला.

महाविद्यालय ने ऐसी छात्राओं को प्राथमिकता देते हुए एमओयू के तहत रोजगार प्रशिक्षण देने की पहल की है, जिसमें 2019-20 की पास आउट 356 छात्राएं अब तक ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़ चुकी है. साथ ही वर्तमान में अध्ययनरत 245 छात्राएं ट्रेनिंग ले रही है.

पासआउट छात्राओं को मिलेगा रोजगार
1 साल की ट्रेनिंग के बाद छात्राओं को मिलेगा प्लेसमेंटमहाविद्यालय की प्राचार्य प्रतिभा सिंह ने बताया कि अलग-अलग कोर्स के हिसाब से छात्राओं को 1 से 2 साल के भीतर ट्रेनिंग दी जाएगी. इसी में छात्राओं को प्लेसमेंट भी दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि क्रिस्प के साथ जो एमओयू महाविद्यालय ने साइन किया है, उसमें यह स्पष्ट किया गया है कि जो छात्राएं ट्रेनिंग ले रही हैं, उनको उसी क्षेत्र में रोजगार भी दिया जाए. उन्होंने बताया कि इसमें तरह-तरह की ट्रेनिंग प्रोग्राम है. जिन छात्राओं को जिस क्षेत्र में रुचि है, वे उस क्षेत्र में प्रशिक्षण ले रही है. महाविद्यालय की हाल ही में अध्ययनरत यूजी और पीजी की छात्राएं भी इस ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़ रही हैं. प्रदेश के 60 फीसदी छात्र कैंपस से हुए वंचितबता दें कि, कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 1 साल से महाविद्यालय बंद है. ऐसे में लाखों छात्र कैंपस प्लेसमेंट से वंचित हुए हैं. इंजीनियरिंग से लेकर कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम तक में इस वर्ष केंपस प्लेसमेंट नहीं हो पाए हैं. लिहाजा महाविद्यालय अपनी ओर से छात्राओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं, जिसमें नूतन कॉलेज ने सराहनीय पहल की है.

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