भोपाल। खेती को लाभ का धंधा बनाने और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य और केन्द्र सरकार योजनाएं (plan for self reliant villages) तो बना रही हैं, लेकिन निचले स्तर पर अधिकारी इसको अमलीजामा (Plan For Make Self Reliant Villages Failed in Madhya Pradesh) पहनाने में रूचि ही नहीं दिखा रहे हैं. केंद्र सरकार ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गांवों का समग्र कृषि विकास योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे, लेकिन छोटी इकाई स्तर के स्टाफ की लापरवाही से 10 माह में अधिकांश गांवों का प्लाान ही तैयार नहीं हो सका है.
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केंद्र ने दिए थे निर्देश
केंद्र सरकार ने एक साल पहले कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों को विस्तार देने के लिए इस साल फरवरी-माह तक कंप्रिहेंसिव डिस्ट्रक्ट एग्रीकल्चर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे, इसके बाद गांवों का प्लान बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए कृषि संचालनालय ने 9 दिसंबर 2020 को पत्र जारी किया था, इसमें आगामी पांच सालों के लिए जिला वार समग्र कृषि विकास प्लान बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसमें अलग-अलग प्रपत्र भेजे जाने थे, जिसमें किसानों की संख्या, सिंचित और असंचित क्षेत्र, कृषि भूमि, मिट्टी का प्रकार, उगाई जा रही फसलें, उत्पादन की स्थिति, उद्यानिकी के क्षेत्र में संभावनाएं, जैविक खेती की स्थिति, नई फसलों की संभावनाएं, उद्यानिकी को लेकर किसानों का रुझान, मिट्टी परीक्षण की स्थिति आदि.