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65 साल के स्वच्छता कमांडो ने छेड़ी 'गंदगी भारत छोड़ो' की मुहिम - पीएम मोदी सफाई अभियान

देश को स्वच्छ बनाने पीएम मोदी ने सफाई अभियान का नारा बुलंद किया. जिसके बाद 2 अक्टूबर आते ही नेता सफाई करने निकल जाते हैं, लेकिन इन सब से अलग राजधानी भोपाल में एक शख्स जो सफाई के लिए किसी खास तारीख का इंतजार नहीं करते बल्कि वह एक्टिवा से सफाई करने निकल जाते हैं. हर किसी को स्वच्छता बनाए रखने की सलाह देते हैं.

Saifuddin giving the message of cleanliness
स्वच्छता का संदेश देते सैफुद्दीन

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Published : Dec 29, 2020, 9:00 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 10:53 PM IST

भोपाल। कुछ अलग करने और समाज मे संदेश देने के लिए अपना जीवन ही लगा देने वाले बहुत कम ही होते हैं. ऐसे ही भोपाल के एक स्वच्छता कमांडो इन दिनों देशभर में गंदगी भारत छोड़ो अभियान चला रहे हैं. नूरमहल निवासी 65 साल के बुजुर्ग ने गंदगी हटाने का एक अनोखा संकल्प लिया है. जिसके लिए उम्र दराज सैफुद्दीन पिछले 5 साल से एक अभियान के तौर पर गंदगी साफ कर रहे हैं. शहरों को साफ सुथरा बनाने से शुरुआत कर सफाई करने का संदेश सैफुद्दीन दे रहे हैं. इनके पहनावे से लेकर वाहन तक सभी सफाई का संदेश दे रहे हैं, जो केवल अपने काम से ही नहीं अपने पहनावे से भी एक अलग ही मैसेज लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

स्वच्छता कमांडो

65 साल के बुजुर्ग सैफुद्दीन पिछले 5 साल से हर रविवार को भोपाल सहित आसपास के इलाकों में पहुंचकर सफाई के काम में जुट जाते हैं. दाएं कंधे पर थैले के मिले-जुले में सूखा कचरा और बाएं कंधे पर हरे झोले में गीला कचरा रखते हुए बिना किसी परवाह किए आगे बढ़ते रहते हैं. इस दौरान वहां में मिलने वालों को खुद के आसपास सफाई रखने के प्रति जागरूक भी करते हैं. साथ ही मुख्य चौराहों पर पंपलेट लेकर बड़े-बड़े स्पीकर के साथ जागरूक करने के लिए घंटों खड़े रहते हैं.

सफाई करते सैफुद्दीन

कपड़ों से लेकर वाहन पर है मैसेज

बोहरा समाज से ताल्लुक रखने वाले सैफुद्दीन का सफाई से गहरा जुड़ाव है. स्वच्छता का संदेश देने के लिए उन्होंने अपने कपड़ों और वाहनों का भी उपयोग किया है. जिस पर 'हम कब सुधरेंगे' 'गीला कचरा हरे डस्टबिन में और सूखा कचरा नीले डस्टबिन डालें' जैसे मैसेज लिखे हुए हैं स्वयं नीले रंग की शर्ट सूखे कचरे और हरे रंग के पेंट गीले कचरे के पति के रूप में हर रविवार को पहनते हैं. अपनी एक्टिवा गाड़ी पर झाड़ू को फसाए यात्रा पर निकल पड़ते हैं.

एक्टिवा से सफाई करने जाते सैफुद्दीन

महात्मा गांधी और बोहरा समाज के धर्मगुरु से प्रभावित

क्लीनिंग वालंटियर सैफुद्दीन जिन्हें लोग सैफ के नाम से भी जानते हैं. वह बताते हैं कि बचपन से ही समाज में कुछ अलग करने की आकांक्षा थी. उन्होंने महात्मा गांधी के सफाई अभियान और बोहरा समाज के धर्मगुरु से प्रेरित होकर 2 अक्टूबर 2015 से सफाई करने का संकल्प लिया और पिछले 5 साल से हर रविवार को सफाई करने निकल पड़ते हैं. रोजगार के तौर पर वॉलपेपर का काम सैफ करते हैं. रविवार को सफाई के कार्य में जुड़ जाते हैं. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ करते हैं. जो कि भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी के सफाई अभियान को आगे बढ़ाया है.

सफाई का संदेश देते सैफुद्दीन

सफाई के लिए कई बड़े शहरों की यात्रा कर चुके हैं सैफ

सैफुद्दीन स्वच्छता का संदेश देने के लिए अपनी दो पहिया वाहन से मुंबई तक यात्रा कर चुके हैं. इस दौरान मुंबई यात्रा के दौरान जगह-जगह पड़ने वाले सैकड़ों गांव और शहरों में भी गंदगी साफ कर दिए है. वहीं सैफुद्दीन दिल्ली ,अहमदाबाद सहित मध्यप्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों की यात्रा कर चुके हैं. इन सभी शहरों में कचरा उठाकर क्लीनिग इंडिया का संदेश दे चुके हैं.

Last Updated : Dec 29, 2020, 10:53 PM IST

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