भोपाल। कांग्रेस के महामंत्री व सभी प्रकोष्ठ के प्रभारी जेपी धनोपिया की संयुक्त पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया. जिसमें कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा आदि गुरु शंकराचार्य के निधन पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा न करने पर लोगों की भावना आहत हुई है, साध्वी ऋचा गोस्वामी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दूसरे देशों के राजनेताओं के मरने पर आपने शोक घोषित किया. आधा राष्ट्रध्वज झुकाया, लेकिन आदि गुरु शंकराचार्य के निधन पर सरकार ने उन्हें उचित राष्ट्रीय सम्मान भी नहीं दिया. sadhvi demands one day national mourning, sadhvi richa press conference in bhopal,sadhvi demands one day national mourning
साध्वी ऋचा गोस्वामी ने बताया शंकराचार्य पद व परम्परा का महत्ता: उन्होंने कहा कि शंकराचार्य व उनकी चार पीठों का भारत की एकता अखण्डता में महान योगदान रहा है. आज जो भारत की इतनी बड़ी विशाल भूमि बची हुई है उसमें आदि शंकराचार्य व परवर्ती शंकराचार्यों का योगदान नहीं नकारा जा सकता. शंकराचार्य जी ने ही 8वीं शताब्दी में वैदिक सनातन धर्म की पुनर्स्थापना करने के लिए नागा सन्यासी एवं दशनामी गोस्वामीयों की सेना को खड़ा किया था.
केंद्र सरकार पर बरसी साध्वी ऋचा, कहा- शंकराचार्य के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित न करके बीजेपी ने ठीक नहीं किया - भोपाल न्यूज
आदि गुरु शंकराचार्य के निधन पर केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शोक की घोषणा न किए जाने पर साध्वी ऋचा गोस्वामी ने नाराजगी जताई है. साध्वी ने केंद्र सरकार पर लोगों की भावना आहत करने का आरोप लगाया है. उन्होंने मांग की है कि सरकार एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित करे, राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाए और शंकराचार्य का स्मारक बनवाए.sadhvi demands one day national mourning, sadhvi richa press conference in bhopal,sadhvi demands one day national mourning
हिंदू सनातन धर्म में शंकराचार्य का सर्वोच्च पद: साध्वी ऋचा ने कहा कि हिंदु सनातन धर्म में शंकराचार्य सर्वोच्च पद है. आदिगुरु शंकराचार्य जी ने अपने ही समान सुयोग्य, ज्ञानी, सिद्ध, योगी शिष्यों को धर्म की रक्षा के लिए नियुक्त किया और सनातन धर्मावलम्बियों को यह आदेश दिया कि जो मेरे द्वारा स्थापित चार पीठों पर आरूढ़ होगें, उन्हें मेरा ही स्वरूप माना जाए. उन्होंने कहा कि 1200 वर्ष से चली आ रही शंकराचार्य परम्परा के एकमात्र द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य रहे हमारे गुरूदेव अनन्त श्री विभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का धर्मानुशासन करने में अविस्मरणीय योगदान रहा है. ऐसे आद्य शंकराचार्य जो दो-दो पीठों के संवाहक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, महान योगी, लाखों-करोड़ों सनातन धर्मानुयायियों के मार्गदर्शक, महान् त्यागी अद्वितीय महापुरूष के निधन पर भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय शोक घोषित कर जो सम्मान महाराज का किया जाना चाहिये था, उसमें सरकार ने बहुत बड़ी चूक की है.
साध्वी ऋचा गोस्वामी ने उठाया सवाल क्या ऐसे बनेगा हिन्दू राष्ट्र ? ब्रिटेन की महारानी के निधन पर सऊदी अरब के सुल्तान के निधन पर भारत में 1 दिन का राष्ट्रीय शोक रखा जाता है. साध्वी ऋचा ने सवाल उठाते हुए पूछा कि वैदिक सनातन धर्म के सर्वोच्च पद पर आसीन रहे द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य देश के सबसे बड़े आध्यात्मगुरू थे उनके निधन पर राष्ट्रीय शोक क्यों नहीं रखा. उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी आरोप लगाया कि जब महाराज जी के निधन से सारा भारत व्याकुल हो रहा था, तब उन्हीं के जिले नरसिंहपुर के करेली में प्रदेश की भाजपा सरकार सम्मान समारोह मना रही थी, क्या भाजपा इस कार्यक्रम को स्थगित नहीं कर सकती थी. उन्होंने मांग की केंद्र सरकार भारत की जनता से माफी मांगे और राष्ट्रीय ध्वज को झुकाकर राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाए. साथ ही सम्मान स्वरूप शंकराचार्य जी का स्मारक बनवाया जाए.
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