भोपाल। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत खरीफ 2019 की बीमा राशि से बकाया ऋणों की वसूली किए जाने के सरकारी फरमान से प्रदेश के किसानों में आक्रोश व्याप्त है. सरकारी लूट से हर गांव के किसान गुस्से में होकर दिनों दिन आक्रोशित होते जा रहे हैं. मध्यप्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने राज्य सरकार के फरमान पर एतराज किया है. उन्होंने कहा है कि किसानों को एक हाथ में रुपए देकर दूसरे हाथ से छीन लिया है. अति वर्षा और फसल की बीमारियों से किसानों उबर भी नहीं पाया था कि कोरोना महामारी ने किसानों को बुरी तरह से तबाह कर दिया. ऐसे बुरे वक्त में सरकार के इस आदेश में किसानों को खून के आंसू ला दिए हैं. सरकार को अपने फैसले को निरस्त करना चाहिए. सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आए.
सचिन यादव, पूर्व कृषि मंत्री ये सरकार से मिला था अधिकारियों को आदेश पत्र
पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा है कि किसानों के खाते में बीमा राशि जमा होने के पहले ही भोपाल संभाग के आयुक्त ने संभाग के सभी जिला कलेक्टर,जिला पंचायत सीईओ, सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त, उपायुक्त और जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के नाम से 15 सितंबर को एक आदेश जारी कर लिखा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत 2019 हेतु फसल बीमा की राशि प्राप्त होने जा रही है. जिसे 18 सितंबर को किसानों के खाते में जमा कराया जाएगा. कृषि सहकारी संस्थाओं के ऐसे किसान जिन पर ऋण में बकाया है,उनके ऋणों की वसूली फसल बीमा से मिली राशि से किया जाना सुनिश्चित कराएं. सरकारी लूट के आदेश से किसानों में खलबली मच गई है. राशि जमा होने के पूर्व भी किसानों का पैसा चालाकी पूर्वक हटाने की साजिश को अंजाम दे दिया है.
गौरतलब है कि खरगोन जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत करीब 2019 की बीमा दावा की 118 करोड़ 22 लाख रुपए की राशि 1 लाख 43 हजार 327 किसानों के खाते में सरकार जमा कर चुकी है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 27 लाख 64 हजार किसानों की फसलों का खरीफ 2019 के लिए 15221 करोड़ 52 लाख रुपए का बीमा किया गया था. उन्होंने बताया कि बीमा प्रीमियम के लिए किसानों का अंशदान 352 करोड़ 62 लाख रुपए और राज्यांश 509 करोड़ 60 लाख रुपए कांग्रेस की सरकार ने जमा कराए थे. कांग्रेस सरकार ने किसानों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए.
बीजेपी की सरकार ने सत्ता पर आसीन होते ही किसान विरोधी निर्णय लिए और अब फसल बीमा के नाम पर किसानों के खाते में 4 रुपये 8, 16, 52, 213 रुपये की राशि जमा कराई गई है, जो सरासर किसानों के साथ छलावा है.