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ठंड के साथ बढ़ा कोरोना का खतरा, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन

ठंड का मौसम शुरू हो चुका है, लेकिन इस साल ठंड का मौसम चिंता लेकर आ रहा है. दरअसल, कोरोना काल वाले इस ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के फैलाव का खतरा बढ़ गया है.

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Published : Nov 18, 2020, 8:19 PM IST

भोपाल। कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है. दुनिया भर के कई देशों में यह वायरस एक बार फिर तेजी से सक्रिय हो गया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी हालात एक बार फिर बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आ सकती है. मध्यप्रदेश की बात की जाए तो अक्टूबर माह में संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिली थी, लेकिन नवंबर की शुरुआत से ही मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे को इस बात का अनुमान है कि दिसंबर महीने में जब प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ेगी, तो उस समय संक्रमण के मामलों में तेजी आ सकती है. जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. संजय गोयल ने गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश पत्र लिखकर प्रदेश के सभी कलेक्टर्स और मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए गए हैं.

विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि मिले इनपुट, कई मॉडलों और अन्य देशों के अनुभव के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शीत ऋतु में कोविड-19 संक्रमण बढ़ने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि सर्दी के मौसम में ठंड से पर्याप्त बचाव ना होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के होने चलते श्वसन संक्रमण की अधिकता होती है, जिसके लिए निर्देशों का पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए.

नई गाइडलाइन

  • लोगों में इस बात की जागरूकता लाई जाए कि वह ठंड से बचने के लिए उपाय करें और ऐसे कपड़ों को पहने जिससे ठंड से पर्याप्त बचाव हो सके.
  • ठंड के मौसम में लोग घरों की खिड़कियां, दरवाजे बंद रखते हैं जिसके कारण घरेलू सदस्यों में सर्दी-जुखाम, मौसमी फ्लू भी ज्यादा होते हैं. इसलिए जरूरी है कि घरों में भी शारीरिक दूरी, मास्क का इस्तेमाल और हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखा जाए.
  • सर्दियों के मौसम में प्रदूषण युक्त हवा नीचे बैठ जाती है जिसे श्वांस और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति और बुजुर्गों को ज्यादा समस्या हो सकती है. इसलिए ऐसे संवेदनशील व्यक्ति घर से बाहर निकलने से परहेज करें.
  • भीड़-भाड़ वाले स्थलों जैसे बाजार,मनोरंजन पार्क, थिएटर, धार्मिक आयोजन, विवाह समारोह में जाने से बचें और यदि ऐसे स्थानों में जाना भी है, तो कोविड-19 के लिए बने नियमों का पालन सख्ती से किया जाए.
  • कार्यस्थल के लिए गाइड लाइन-इसके साथ ही कार्य स्थलों में भी कोविड-19 से बचाव के लिए निर्देश जारी किए गए.
  • कार्य स्थलों के खुले क्षेत्रों जैसे उद्यान, फूड कोर्ट आदि को लगातार एक फीसदी सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से डिसइनफेक्टेड किया जाए.
  • कार्य स्थलों के दरवाजों के हैंडल, लिफ्ट के बटन, हेंडरेल, झूले, पटिया, कुर्सी- टेबल, शौचालय के नल, दीवार और फर्श की सफाई ऑफिस खोलने से पहले एक फीसदी सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से की जाए.
  • कार्य स्थलों पर साबुन और हैंड सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए.
  • सार्वजनिक स्थानों पर जगह-जगह ढक्कन वाले डस्टबिन रखी जाए ताकि समस्त अधिकारी-कर्मचारी और स्टाफ द्वारा इस्तेमाल किए गए फेस कवर और मास्क का सुरक्षित निपटान किया जा सके.
  • लिफ्ट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए और एक समय पर केवल सीमित व्यक्ति ही वहां प्रवेश लें.
  • प्रशासनिक व्यवस्थाओं के निर्देश- स्वास्थ्य आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए गए हैं कि प्रशासन प्रकरणों में होने वाली संभावित बढ़ोतरी को देखते हुए अपने-अपने जिलों में व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें.
  • ऐसे क्षेत्रों, जहां हाल फिलहाल में ही कोविड-19 के ज्यादा मामले मिले हैं. वहां कांट्रैक्ट ट्रेसिंग की जाए.
  • वर्तमान में प्रदेश में कोविड-19 के रोगियों की संख्या के मुताबिक अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर और ऑक्सीजन की उपलब्धता है, लेकिन यदि प्रकरण बढ़ते हैं तो इसके लिए भी कार्य योजना को तैयार रखा जाए.
  • शीत ऋतु को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में साफ और धुले हुए रजाई कंबल, समस्याओं के प्रबंधन के लिए जरूरी दवाइयां नेबुलाइजर, ऑक्सीजन आपूर्ति आदि की पर्याप्त व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए.
  • कोविड-19 संक्रमण बनने की स्थिति में कोविड-19 जांच और सैंपलिंग की सुविधा, रेफरल, होम आइसोलेशन, अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तर, ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए नियोजन और आवश्यक रणनीतियां बनाई जाए.

    बता दें कि प्रदेश में कोरोना वायरस के केसों में कमी आने पर सभी जिलों के कई कोविड सेंटर्स को बंद कर दिया गया था. इसके अलावा भी पिछले कुछ दिनों से सेंपलिंग भी कम की जा रही है, पर ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए अब नए आदेश जारी किए गए हैं.

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