भोपाल।कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन को आज पांच महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है. ऐसे में लोगों का जीने का तरीका भी बदल गया है. लोग अब घरों में रहकर फ्रस्ट्रेट होने लगे हैं और अपने ही परिवार से दूरियां बनाने लगे हैं. लॉकडाउन में जहां ऐसे मामले भी सामने आए कि लोगों ने आपदा को अवसर बनाया और तरह-तरह की गतिविधियों में शामिल होकर परिवार के साथ सुखद समय बिताया.
तो अब इस तरह के भी मामले सामने आ रहे हैं, जहां घर में रहकर रोज एक ही काम करके लोग फ्रस्ट्रेट हो रहे हैं. यही वजह है कि लोग अब इस वातावरण से दूर जाना चाहते हैं और अपने आप को एकांत में वक्त देना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन की मजबूरी के चलते वे मजबूर हैं.
राजधानी के फैमिली कोर्ट में इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं. जहां लॉकडाउन के चलते पति-पत्नी अपनी प्रोफेशनल लाइफ से दूर घरेलू जीवन बिता रहे हैं. ऐसे में रोज-रोज एक ही काम करके फ्रस्टेशन बढ़ने लगा है. ऐसे में पति पत्नी एक दूसरे से ही दूर होने लगे हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि फैमिली कोर्ट में इस तरह के मामले पहले कभी इतनी तेजी से नहीं बढ़े जितने कि अब सामने आ रहे हैं.
फैमिली कोर्ट में 13 मामले
फैमिली कोर्ट में हाल ही में ऐसे लगभग 13 मामलों की सुनवाई चल रही है, जहां दंपति अपनी असल जिंदगी छोड़ बैराग्य की दुनिया में चले गए हैं और संन्यास लेकर घर में ही अपने परिवार से दूर रहने लगे हैं. इस तरह के मामलों में ज्यादातर दंपति प्रोफेशनल हैं, जहां पत्नी भी जॉब करती है और पति भी, लेकिन लॉकडाउन में जब काम करने को कुछ नहीं था तो लोग टीवी, मोबाइल और धार्मिक गतिविधियों से जुड़ने लगे और उसमें इतना ज्यादा लीन हो गए कि अपने ही परिवार से दूरियां बनाने लगे.