हैदराबाद।विश्व शांति दिवस या अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace) हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शांति, मधुरता और भाईचारा स्थापित करना है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों और नागरिकों के बीच शांति व्यवस्था कायम करना और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों और झगड़ों पर विराम लगाना है. संयुक्त राष्ट्र (Union Nations) ने दुनियाभर में शांति (World Peace Message) का संदेश पहुंचाने के लिए कला से लेकर साहित्य, संगीत, सिनेमा और खेल जगत की प्रसिद्ध हस्तियों को शांतिदूत नियुक्त किया हुआ है.
कब हुई थी शांति दिवस मनाने की शुरुआत? (History of Peace Day)
अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस की शुरुआत 1982 से हुई थी. तब इस दिवस की पहली थीम 'Right to peace of people' रखी गई थी. 1982 से लेकर 2001 तक सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस या विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता रहा, लेकिन अगले वर्ष 2002 से इसके लिए 21 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी गई. तब से लेकर आज तक विश्व शांति दिवस 21 सिंतबर को ही मनाया जाता है.
सफेद कबूतर उड़ाकर दिया जाता है शांति का संदेश
विश्व शांति दिवस पर सफेद कबूतरों को उड़ाकर शांति का पैगाम दिया जाता है और एक दूसरे से भी शांति कायम रखने की अपेक्षा की जाती है. सफेद कबूतर को शांति का दूत माना जाता है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र से लेकर अलग-अलग संगठनों, स्कूलों और कॉलेजों में शांति दिवस के अवसर पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. 'विश्व शांति दिवस' की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (न्यूयॉर्क) (Union Nations Headquarter) में संयुक्त राष्ट्र शांति की घंटी बजाकर की जाती है. इस घंटी के एक तरफ लिखा हुआ है कि विश्व में शांति सदैव बनी रहे.