भोपाल। विजयादशमी के अवसर पर राजधानी में 29 स्थानों पर रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस वर्ष आयोजित किए गए इन कार्यक्रमों में कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सभी तरह के नियमों का पालन किया गया, यही वजह रही कि, इस वर्ष राजधानी में कहीं भी बड़ा आयोजन नहीं किया गया है. इसके अलावा रामलीला का आयोजन भी केवल औपचारिक रूप से किया गया. इस दौरान राम, लक्ष्मण, हनुमान भी फेस मास्क पहने हुए नजर आए.
इन जगहों पर मनाया गया दशहरा
राजधानी के टीटी नगर दशहरा मैदान, गोविंदपुरा दशहरा मैदान, विट्ठल मार्केट दशहरा मैदान, कोलार दशहरा मैदान, छोला दशहरा मैदान, एमबीएम कॉलेज ग्राउंड, बैरागढ़, बाग मुगलिया, अयोध्या नगर, जंबूरी मैदान, शिवाजी नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, जहांगीराबाद, कोलार पहाड़ों वाली माता मंदिर, इत्यादि जगह पर दशहरा उत्सव मनाया गया. 8 बजे से शुरू हुआ दशहरा उत्सव रात 12 बजे तक जारी रहा. राजधानी में सबसे आखिर में छोला दशहरा मैदान पर रावण दहन किया गया.
नवाबी काल से चल रही रावण दहन की परंपरा
विजयादशमी पर रावण दहन की परंपरा भोपाल में नवाबी शासन काल से चली आ रही है. राजधानी भोपाल में सबसे पहला दशहरा, छोला दशहरा मैदान पर ही आयोजित किया गया था, लेकिन अब 29 स्थानों पर रावण दहन किया जाता है, इसके अलावा शहर की कई कॉलोनियों में भी छोटे पैमाने पर भी रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हालांकि इस वर्ष दशहरा उत्सव पर लोगों की संख्या भी काफी कम रही है, राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों ने दशहरा उत्सव से दूरी बनाए रखी है. इसके अलावा हर वर्ष आयोजित होने वाले रावण दहन की ऊंचाई काफी ज्यादा हुआ करती थी, लेकिन इस वर्ष प्रशासन के नियमों के अनुरूप ही रावण की ऊंचाई रखी गई. शहर का सबसे पहला रावण दहन टीटी नगर दशहरा मैदान पर आयोजित किया गया, जहां राम, लक्ष्मण और हनुमान घोड़ों की पालकी पर सवार होकर पहुंचे और यहां पर उनका तिलक अभिषेक किया गया, इसके बाद भगवान राम ने धनुष चलाकर रावण को तीर मारा और रावण का दहन संपन्न हुआ. इसके बाद भगवान राम लक्ष्मण और हनुमान की विधिवत रूप से पूजा- अर्चना कर आरती उतारी गई.