भोपाल। चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी पर खेली जाने वाली रंग पंचमी इस बार सबसे अलग होगी. क्योंकि कोरोना ने इस रंग पंचमी पर ग्रहण लगा दिया है. इस बार मंदिर में गेर नहीं निकाली जाएगी. साथ ही भीड़ भी नहीं रहेगी. ये फैसला महाकाल मंदिर के पुजारी व पुरोहितों ने लिया है.
- महाकाल मंदिर से नहीं निकाली जाएगी गेर
महाकाल मंदिर के प्रांगण में ही परंपरागत रूप से ध्वज पूजन किया जाएगा. पुजारी और पुरोहितों ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव और प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए आयोजन किया जाएगा. हर साल की तरह इस बार महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह समिति के तत्वावधान में रंगपंचमी की शाम गेर नहीं निकालते हुए केवल मंदिर में ही पूजन-अर्चन कर परंपरा का निर्वहन किया जाएगा. पूजन के दौरान सभी पुजारी, पुरोहित मास्क लगाकर रहेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरुरी होगा.
- कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है रंग पंचमी
चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी पर खेली जाने वाली रंग पंचमी देवी-देवताओं का आह्वान करने के लिए होती है. विशेष तौर पर यह सात्विक पूजा और मंत्र जाप का दिन होता है. रंग पंचमी पर पवित्र मन से पूजा पाठ करने पर देवी देवता स्वयं आपको आशीर्वाद देने चले आते है. नवग्रहों में से किसी भी ग्रह की पीड़ा को इस दिन बहुत आसानी से खत्म किया जा सकता है. कुंडली के बड़े से बड़े दोष भी इस दिन पूजा पाठ से कम हो जाते हैं. इस बार रंग पंचमी 2 अप्रैल को मनाई जा रही है.
कोरोना का कहर: महाकाल मंदिर में फिर कम की गई श्रद्धालुओं की संख्या
- रंग पंचमी पर कलेक्टर करेंगे पूजा