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Rama Ekadashi 2021: रमा एकादशी का महत्व और पूजा की विधि, दीपावली से पहले होती है खास पूजा

दीपावली के पूर्व आने वाली एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी इसलिए खास होती है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के साथ रमा यानी कि धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा होती है.

रमा एकादशी का महत्व और पूजा की विधि
रमा एकादशी का महत्व और पूजा की विधि

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Published : Oct 31, 2021, 7:29 PM IST

भोपाल।पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ धन, ऐश्वर्य और वैभव की देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. इस एकादशी के बाद दीपावली का त्योहार आता है. दीपावली पर मां लक्ष्मी के पूजन के पहले भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजन का सबसे अच्छा दिन रमा एकादशी होता है. इस बार रमा एकादशी 1 नवंबर को आ रही है.

1 नवंबर को रमा एकादशी

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट से हो रही है, एकादशी 1 नवंबर दोपहर 1 बजकर 21 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि वाले दिन को व्रत कि तिथि माना जाता है, इसलिए रमा एकादशी व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा.
रमा एकादशी का महत्व

रमा एकादशी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर से दुख, दरिद्रता और नकारात्मकता दूर होती है. इसके साथ ही घर के सुख, समृद्धि, संपत्ति में वृद्धि होती है. भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

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रमा एकादशी पर इंद्र योग

इस साल रमा एकादशी का व्रत इंद्र योग में रखा जाएगा. इंद्र योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन राहुकाल सुबह 07:56 बजे सुबह 09:19 बजे तक है. पूजा एवं मांगलिक कार्यों के लिए राहुकाल को वर्जित माना गया है. ऐसे में रमा एकादशी की पूजा राहुकाल को छोड़कर दिन में कभी भी कर सकते हैं.

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