भोपाल।राजभवन को कंटेनमेंट मुक्त करने को लेकर भोपाल जिला प्रशासन और राजभवन आमने-सामने आ गए हैं, राजभवन ने सोमवार को लिखित आदेश जारी कर कहा था कि राजभवन कंटेनमेंट जोन से मुक्त हो गया है. राजभवन में काम करने वाले 385 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है और 10 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. सभी संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
राजभवन ने खुद को कंटेनमेंट जोन से किया मुक्त तो कलेक्टर ने कही ये बात
कंटेनमेंट जोन को लेकर लेकर राजभवन और जिला प्रशासन आमने सामने आ गए हैं, राजभवन ने खुद को कंटेनमेंट मुक्त कर लिया है, जबकि जिला प्रशासन का कहना है कि उसने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है. राजभवन अब भी कंटेनमेंट जोन में ही है.
कोरोना रिपोर्ट सामने आने के बाद राजभवन ने खुद को कंटेनमेंट मुक्त घोषित कर दिया है, यहीं से विवाद की शुरूआत हुई क्योंकि जिस एरिया में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलते हैं, उसके बाद 14 दिन तक वो इलाका कंटेनमेंट जोन कहलाता है, वहां किसी को आने जाने की इजाजत नहीं रहती है, लेकिन 6 दिन के अंदर ही राजभवन को कंटेनमेंट एरिया से मुक्त कर दिया गया है. हालांकि, शहर के किस इलाके को कंटेनमेंट करना है या नहीं, ये अधिकार पूरी तरह से कलेक्टर के पास है. इसके बावजूद राजभवन ने खुद को कंटेनमेंट एरिया से मुक्त घोषित कर दिया है.
वहीं इस पूरे मामले में भोपाल कलेक्टर तरूण कुमार पिथोड़े का कहना है कि हमने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है. राजभवन को अब भी कंटेनमेंट एरिया से मुक्त नहीं किया गया है. साथ ही कहा कि राजभवन से प्रस्ताव आया है, उसका अध्ययन किया जा रहा है, जो गाइडलाइन है उसके अनुसार ही फैसला लिया जाएगा. इस विवाद के बीच राजभवन का कहना है कि राजभवन में काम करने वाले सभी स्टॉफ की जांच रिपोर्ट आ गई है, लेकिन आज जो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की लिस्ट आई है, उसमें एक मरीज राजभवन का है. ऐसे में सवाल ये है कि राजभवन खुद को कंटेनमेंट मुक्त घोषित कैसे कर दिया है.