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क्या राहुल की Bharat Jodo yatra जोड़ पाएगी Congress की टूट, मालवा-निमाड़ की 66 सीटों पर कितना असर

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा क्या एमपी (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) में कांग्रेस की पुरानी टूट के साथ नए लीकेज सुधार पाएगी. पिछले डेढ़ साल में ही कांग्रेस से एकमुश्त 28 विधायकों के बाद कुल 38 विधायक टूटे हैं. कांग्रेस की चुनौती इन रिक्त स्थान की पूर्ति करने के साथ ही ये चुनौती भी है कि पार्टी में फिर नई सेंध ना लग पाए. क्या राहुल गाधी की यात्रा विधायकों में कांग्रेस का खोया विश्वास लौटा पाएगी. अधर में लटके सचिन बिरला की कांग्रेस में री-एंट्री कराए जाने की अटकलों के बीच क्या चुनाव पूर्व पुख्ता इंतजाम कांग्रेस ने कर लिए हैं.

Congress impact Malwa Nimar
क्या राहुल की Bharat Jodo yatra जोड़ पाएगी Congress की टूट

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Published : Nov 23, 2022, 6:30 PM IST

Updated : Nov 23, 2022, 8:39 PM IST

भोपाल।राहुल गाधी की भारत जोड़ो यात्रा ने एमपी में उसी निमाड़ के रास्ते एंट्री की है, जहां किसान कर्ज माफी का मुद्दा उछालकर कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी की थी. एमपी में यात्रा को मिले शुरुआती रिस्पांस से कांग्रेसियों का आत्मविश्वास तो यकीनन बढ़ा है. लेकिन क्या ये यात्रा पार्टी के विधायकों का वो खोया विश्वास लौटा पाएगी. जिस खंडित विश्वास की बदौलत पार्टी के विधायक बीजेपी के पाले में छलांग लगाते रहे हैं. क्या सचिन बिरला की कांग्रेस में वापसी की अटकलों का अचानक ज़ोर पकड़ना कोई तय रणनीति है. क्या वजह है कि जब सचिन के मामले में दोनों ही तरफ सन्नाटा है, तब इसे भूल सुधार की तरह क्यों पेश किया जा रहा है कि जबकि घर वापसी अभी हुई नहीं.

क्या राहुल की Bharat Jodo yatra जोड़ पाएगी Congress की टूट

क्या टूटे कांग्रेसियों को जोड़ पाएगी भारत जोड़ो यात्रा :एमपी में एंट्री के साथ जो सबसे बड़ा सवाल है, वो ये कि जनता तो दूर पहले पार्टी के सामने चुनौती अपने से रूठे -टूटे कांग्रेसियो को जोड़ने की है. राहुल गांधी की इस यात्रा का एमपी में हिडन एजेंडा ये भी है कि जो अपनी निजी वजहों से भी पार्टी से टूटकर अलग हो गए हैं, उन्हें फिर से जोड़ा जाए. राजनीतिक के जानकार ये कह रहे हैं कि सचिन बिरला को इस मुहिम में आइकन की तरह पेश करने की तैयारी में है पार्टी. हालांकि अभी सचिन बिरला की स्थिति स्पष्ट नहीं है. खऱगोन की बड़वाह विधानसभा सीट से विधायक सचिन बिरला ने एक सभा में बीजेपी का दामन थाम लिया. लेकिन उनकी सदस्यता अटक गई. अब ये ही तय नहीं कि वे बीजेपी में हैं या कांग्रेस में. कांग्रेस ने सदन में उनकी सदस्यता खत्म करवाने के कई प्रयास किए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. खैर, अब चर्चा ये है कि सचिन बिरला बीजेपी में भी तवज्जो ना मिल पाने से रूठे हैं और घर वापसी का मूड बना रहे हैं. कांग्रेस ये मान रही है कि चुनाव के पहले टिकट कटने के डर में जब बीजेपी विधायकों की नींद उड़ी है तो कांग्रेस छोड़कर गए विधायक तो यूं भी तलवार की धार पर हैं. लिहाजा उनकी बेचैनी भी बढ़ी हुई है.

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मालवा निमाड़ की 66 सीटों पर निगाह :मालवा- निमाड़ का इलाका कांग्रेस का जांचा हुआ मैदान है. 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले भी मंदसौर से ही राहुल गांधी ने किसानों क कर्जमाफी का एलान किया था. तब राहुल गांधी ने कहा था कि अगर एमपी में कांग्रेस की सरकार बनी तो दस दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. असल भी हुआ 2018 में. जब चुनाव नतीजे आए तो कांग्रेस ने इस इलाके में बेहतर प्रदर्शन किया और कांग्रेस को 66 सीटों में से 38 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के जरिए सीन बदलने की कोशिश है. कांग्रेस से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सुरेन्द्र सिंह शेरा अब राहुल गाधी की यात्रा के संयोजक हैं. उनसे कदम ताल मिलाकर चल रहे हैं सचिन बिरला को लेकर कहा जा रहा है कि बीजेपी में जाने का जोखिम उठाने के बजाए वो वापस अपने कंफर्ट जोन यानि कांग्रेस में लौट आएंगे.

Last Updated : Nov 23, 2022, 8:39 PM IST

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