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एनकाउंटर का रिस्क...क्या विकास दुबे की गिरफ्तारी थी फिक्स ! कई सवाल, यूपी-एमपी में सियासी उबाल

कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हुआ गैंगस्टर विकास दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस के हत्थे चढ़ा होता तो उसका एनकाउंटर तय माना जा रहा था, लेकिन मध्यप्रदेश के उज्जैन में विकास दुबे की 'गिरफ्तारी या सरेंडर' पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार, मोस्ट वांडेट की गिरफ्तारी पर उज्जैन पुलिस की पीठ थपथपा रही है तो वहीं विपक्ष लगातार इसे एक सोची समझी साजिश बता रहा है. पढ़िए पूरी खबर..

Gangster Vikas Dubey
विकास दुबे

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Published : Jul 9, 2020, 7:57 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 8:09 PM IST

भोपाल। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस कर्मियों की हत्या कर फरार हुए गैंगस्टर को आज मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने खुद महाकाल पुलिस चौकी पहुंचकर सरेंडर किया है. इसके बाद उज्जैन पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है.

माना जा रहा है कि अगर विकास दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस के हत्थे चढ़ता तो शायद उसे मौके पर ही ढेर कर दिया जाता. इसलिए उसने दूसरे राज्य में सरेंडर किया है, क्योंकि सरेंडर करने के अपराधी को आगे चलकर कई फायदे मिल सकते हैं.

पहला तो यह कि कुख्यात अपराधी एनकाउंटर के डर से सरेंडर करते हैं. दूसरी बड़ी वजह है कि सरेंडर कर अपराधी शारीरिक प्रताड़ना से भी कुछ हद तक बच जाता है. इसके अलावा अगर अपराध मामूली या गंभीर की श्रेणी में नहीं आता हो तो आगे चलकर अपराधी कोर्ट में जमानत के भी हकदार हो जाते हैं. हालांकि विकास दुबे पर कई गंभीर और निर्मम हत्या के अपराध दर्ज हैं. दंड प्रक्रिया संहिता के अनुसार किसी भी आरोपी को खुद के खिलाफ सबूत देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. सबूत जुटाने का काम अभियोजन पक्ष का होता है.

अगर यूपी पुलिस किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है, तो उसे प्रताड़ित करके उसी के खिलाफ सबूत जमा करने का प्रयास करती है. यही वजह है कि आरोपी कोर्ट में या अन्य राज्य में जाकर सरेंडर करने की कोशिश करते हैं. इधर मध्यप्रदेश की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है या फिर उसने सरेंडर किया है.

कांग्रेस नेताओं ने खड़े किए सवाल

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विकास दुबे की गिरफ्तारी पर उज्जैन पुलिस की पीठ थपथपा रहे हैं. तो वहीं विपक्ष के नेता लगातार इसे लेकर मध्यप्रदेश सरकार और पुलिस पर हमला बोल रहे है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर विकास दुबे की उज्जैन से गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं.

यूपी से लेकर एमपी तक मचा सियासी बवाल

वहीं पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने ट्वीट कर लिखा है कि, दुर्दांत अपराधी के अरेस्ट के बाद उसे हथकड़ी भी नहीं लगाई गई है, बल्कि उसे सोफे पर बैठाया गया है. यह सब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर लिखा है कि, सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी, साथ ही विकास दुबे के मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करें, जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.

Last Updated : Jul 9, 2020, 8:09 PM IST

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